जबलपुर।मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में तीसरी विश्व रामायण कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इसमें देश और विदेश से तमाम हस्तियां शामिल होने पहुंचे. इस दौरान श्रीलंका के संस्कृति मंत्री विदुरा विक्रमनायके ने पहले दिन पर ही बेहद रोचक बात कह दी. उन्होंने कहा कि(world ramayana conference in Jabalpur), "दशानन रावण के बिना भगवान राम का कोई महत्व नहीं है. लिहाजा श्रीलंका सरकार राम और रामायण से जुड़े स्थलों की खोज कर आएगी."
श्रीलंका भारत की संस्कृति में बसा:श्रीलंका में रामायण से जुड़ें तथ्यों को पता लगाने के लिए अब श्रीलंका सरकार भी इच्छुक है. वहां के संस्कृति मंत्री ने इस बारे में भारत को आश्वासन दिया है कि, हम इन तथ्यों को खोजने में भारत की मदद करेंगे. जबलपुर में आयोजित थर्ड वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में शामिल होने पहुंचे, श्रीलंका के संस्कृति मंत्री विदुरा विक्रमनायके ने बड़ा बयान देते हुए कहा, "भारत और श्रीलंका की संस्कृतियां समृद्धि रही हैं. लिहाजा दोनों प्रयास कर रहे हैं कि दोनों देशों को इसका आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से फायदा मिले. दोनों देशों को मन और हृदय से मिलने की जरूरत है. दोनों देशों के बीच हजारों सालों से संबंध रहे हैं. रामायण श्रीलंका में हुआ है(Sri Lankan minister on Ram and Ravan). श्रीलंका भारत की संस्कृति और इतिहास में बसा है, तो भारत का भी श्रीलंका से इसी तरह का जुड़ाव है."