जबलपुर। याचिका में महिला ने बताया कि खंडवा में दर्ज अपराधिक प्रकरण में न्यायालय ने उसके पति को कारावास की सजा से दंडित किया है. वर्तमान में उसका पति इंदौर जेल में कारावास की सजा काट रहा है. याचिका में कहा गया था कि वह मातृत्व सुख चाहती है. इसके लिए उसके पति को एक माह की अस्थाई जमानत प्रदान की जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि संतानोत्पत्ति का अधिकार को मौलिक अधिकार माना गया है.
पति को रिहा करने की मांग :याचिका में कहा गया कि सजा से दंडित दोषी कैदी का विवाह याचिकाकर्ता महिला से हुआ है. शादी के बाद से उन्हें कोई परेशानी नहीं है. वंश के संरक्षण के उद्देश्य से संतान उत्पन्न करना धार्मिक दर्शन, भारतीय संस्कृति और विभिन्न माध्यम से मान्यताप्राप्त है. कैदियों के वैवाहिक अधिकारों और इन्हें प्राप्त करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है कि दोनों को साथ में रहने की राहत प्रदान की जाए. याचिकाकर्ता भी प्रजनन का लाभ उठाना चाहती है.