जबलपुर।दिनोंदिन दुनिया विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. ऐसे में सबके साथ कदम से कदम मिलाने के लिए जरुरी है किविज्ञान में रुचि रखने वाले और विज्ञान के छात्रों को एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिले. इसी सोच के साथ आठ साल पहले जबलपुर शहर में एक 'साइंस सेंटर' बनाने की घोषणा की गई थी. लेकिन आज तक ये सिर्फ एक घोषणा रह गई है.
सौगात पर राजनीति का डेरा
प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक रीजनल साइंस सेंटर बनाने की मांग सांसद राकेश सिंह ने आज से 8 साल पहले केंद्र सरकार के सामने रखी थी. केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद भेड़ाघाट के पास साइंस सेंटर बनाने के लिए जमीन निर्धारित की गई थी. यहां साइंस सेंटर के साथ एक तारामंडल भी बनाया जाना है. लेकिन ये साइंस सेंटर और तारामंडल की सौगात पर राजनीति ने डेरा जमा लिया.
कमलनाथ सरकार पर लगा रहे आरोप
राज्य सरकार की ओर से भेड़ाघाट में 7 एकड़ जमीन साइंस सेंटर के नाम पर दी गई थी. इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से पैसा दिया जाना है. प्रदेश में सरकार बदलते और कमलनाथ की सरकार आते ही जबलपुर उत्तर से विधायक विनय सक्सेना ने इसे भेड़ाघाट की जगह शहर में रानीताल स्टेडियम के बनवाने की चाह जाहिर की थी. ऐसे में विधायकों के बीच रस्साकाशी चलती रही और साइंस सेंटर का काम टलता गया. आखिरकार अब एक बार फिर साइंस सेंट को भेड़ाघाट में ही बनाने के लिए मंजूरी दे दी गई है.
सेंटर में होगा इनोवेशन हब
साइंस सेंटर में एक इनोवेशन हब होगा. इसमें स्टूडेंट या कोई भी टूरिस्ट अपनी मर्जी के इनोवेशन कर सकता है. इसके लिए जरूरी संसाधन भी वहां मौजूद रहेंगे. एक डिस्कवरी हॉल होगा, जहां कुछ अच्छे इनोवेशन को दूसरों की जानकारी के लिए प्रदर्शित किया जाएगा. हॉल ऑफ फेम में दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिकों के चित्र लगेंगे, ताकि विज्ञान से जुड़े लोग महान वैज्ञानिकों को जान सकें. इनोवेशन हब में साइंस की विभिन्न विधा जैसे फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी, रोबोटिक्स, कम्प्यूटर साइंस, कबाड़ से जुगाड़ और तोड़-फोड़ सेक्शन होगा. जहां स्टूडेंट्स विशेषज्ञों की मौजूदगी में प्रेक्टिकल करेंगे.
शहर में बढ़ेंगा पर्यटन