जबलपुर।प्रदेश में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट अब तक लागू न किए जाने की याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. मामले में चीफ जस्टिस मोह.रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने सरकार से पूछा कि बहुमंजिला इमारतों, अस्पताल और हॉस्टलों में अग्नि दुर्घटना रोकने के क्या उपाय किए जा रहे हैं और उनके क्या मापदंड हैं. युगलपीठ ने मामले में नगरीय प्रशासन विकास विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
- मप्र में अब तक नहीं बना फायर एंड इमरजेंसी सर्विस
यह जनहित याचिका रामपुर निवासी समाजसेवी राम उर्फ नीलू कुशवाहा की ओर से दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि मध्यप्रदेश में फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेस एक्ट लागू किए जाने की राहत चाही गई है. आवेदक का कहना है के देश के 24 राज्यों में फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेस एक्ट बना हुआ है, लेकिन मध्यप्रदेश में अब तक नहीं बना है. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ में भी यह एक्ट लागू है. याचिका में कहा गया है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार प्रदेश में अग्नि हादसों से होने वाली मौतों की संख्या अन्य प्रदेशों की संख्या से काफी अधिक है.