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कृषि कानून से किसानों को नहीं केंद्र सरकार को मिली राहत : विवेक तंखा

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Published : Jan 12, 2021, 7:02 PM IST

कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि कृषि कानून से किसानों को नहीं सरकार को मिली राहत.

Vivek Tankha
विवेक तंखा

जबलपुर।कृषि कानून को लेकर बीते कई दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसान आंदोलन पर आखिरकार अब सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सख्ती दिखाई और केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानून पर रोक लगा दी है. हालांकि राजधानी में डटे किसान अभी भी हटने को तैयार नहीं है, इधर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर राज्यसभा सांसद विवेक तंखा का भी बयान सामने आया है.

प्रजातंत्र में नहीं होगी संसद में बहस तो यही होंगे हालात

कृषि कानून को लेकर राज्यसभा सांसद ने कहा कि हम शुरू से ही इस बिल के खिलाफ थे. लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा ने संसद में बिना बहस के ही आनन-फानन में कृषि बिल को पास कर दिया. जिसका यह नतीजा आज सामने है,उन्होंने कहा कि किसान अपने वादे के पक्के होते हैं. जब कभी किसान विरोध करता है तो फिर पूरा देश हिल जाता है.

विवेक तंखा

इस आंदोलन में किसानों ने राजनीतिक दलों को रखा दूर

जिस तरह से बीजेपी कृषि कानून को लेकर कांग्रेस पर किसानों का भड़काने का आरोप लगा रही थी, उस पर भी राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस आंदोलन के दौरान लाखों लोग रोज आ जा रहे थे, मैं भी वहां जाकर उनसे मिला हू, वहां पर किसी भी राजनीतिक दलों के लोगों को किसानों ने अपने पास बैठने भी नहीं दिया. ऐसे में बीजेपी का यह आरोप कि इस किसान आंदोलन को कांग्रेस या अन्य विपक्षी दल चला रहे हैं पूरी तरह से गलत है.

लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

कृषि कानून को लेकर करीब 2 माह से कई किसान दिल्ली में धरने पर बैठे हुए हैं. हालात भी लगातार बिगड़ते जा रहे थे, लिहाजा इस आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को लगने लगा कि कहीं देश की राजधानी सहित आसपास के राज्यों में हालात खराब ना हो जाए, यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट को कृषि कानून पर रोक लगाना पड़ा.

केंद्र सरकार को मिली राहत

राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में जिस तरह से किसानों ने आक्रामक रवैया केंद्र सरकार के खिलाफ अपना लिया था, उसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सही वक्त पर केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए कृषि कानून पर रोक लगा दी. इससे ना सिर्फ किसानों का आंदोलन को धीमा किया गया है बल्कि केंद्र सरकार को भी राहत मिली है.

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