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70 साल तक किसी ने नहीं सुनी फरियाद तो ग्रामीणों ने खुद से ही बना डाली सड़क - महगवां गांव

चुनावी दौर में नेता गांव आते थे और ग्रामीणों की समस्या सुनकर लंबा-चौड़ा आश्वासन देकर चले भी जाते थे, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद से ही अपने लिए सड़क बनाने का निर्णय किया और चंदा जुटाकर सड़क बना डाली.

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ग्रामीणों ने बनाई सड़क

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Published : Jul 2, 2020, 2:58 PM IST

जबलपुर।पाटन तहसील का महगवां गांव आज भी एक पक्की सड़क के लिए तरस रहा है. एक ओर सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाते नहीं थकती, लेकिन महगवां गांव के लोग तो अपने गांव से दूसरे गांव भी नहीं जा पाते थे, चुनावी दौर में नेता गांव आते थे और ग्रामीणों की समस्या सुनकर लंबा-चौड़ा आश्वासन देकर चले भी जाते थे, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद से ही अपने लिए सड़क बनाने का निर्णय किया और चंदा जुटाकर सड़क बना डाली.

ग्रामीणों ने बनाई सड़क

जुड़ते गए लोग

पाटन तहसील मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बरही के अंतर्गत आने वाले महगवां गांव में आजादी के बाद से पक्की सड़क नहीं बनी थी. बारिश में कीचड़ से सना पगडंडी ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन जाता था, जब कहीं से मदद नहीं मिली तो ग्रामीणों ने जज्बा दिखाते हुए इस समस्या का हल खुद ही ढूंढ़ लिया. गांव के सभी लोग इकट्ठे हुए और ठान लिया कि अब सरकार से किसी भी तरह की मदद नहीं लेंगे और खुद ही सड़क बनाएंगे. जिसके बाद लोग जुड़ते गए और कारवां बढ़ता गया. आखिरकार ग्रामीणों ने अपनी डगर पर लगे उपेक्षा के ग्रहण को खुद ही मिटा दिया.

ग्रामीणों ने जुटाया चंदा

सड़क निर्माण के प्रति बरती जा रही उपेक्षा को देखते हुए ग्रामीणों ने चंदा जुटाया. किसी ने 100 रुपए तो किसी ने 500 रुपए दिए, जबकि किसी ने श्रमदान कर अपना समर्थन दिया. जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने मिलकर महज चार दिन में ही दो किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली. अब इस सड़क से सुगमता से आवागमन हो रहा है.

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बुनियादी सुविधाओं की करवाएंगे जांच

SDM सिद्धार्थ जैन ने कहा कि हमें इस गांव की बदहाल सड़क के बारे में जानकारी नहीं थी. हालांकि अब मामला सामने आया है तो जनपद CEO और तहसीलदार को मौके पर भेजकर न सिर्फ सड़क की समस्या दूर की जाएगी, बल्कि गांव में ये भी देखा जाएगा कि किन बुनियादी सुविधाओं की कमी है.

1000 की आबादी, न स्कूल, न आंगनबाड़ी

करीब एक हजार की आबादी वाले गांव महगवां में न तो स्कूल है और न ही आंगनबाड़ी केंद्र. महज एक पक्की सड़क की आस में इन ग्रामीणों ने करीब 70 साल गुजार दिए, लेकिन इनके लिए सड़क नहीं बन पाई, अब बाकी सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को कितना इंतजार करना होगा. ये तो वक्त ही बताएगा.

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