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युवा सरपंच की पहल ने बदल दी गांव की तस्वीर, शराब पीने वालों पर लगता है जुर्माना - village became intoxicated due to the initiative of the young sarpanch

जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बरगी विधानसभा और शहपुरा जनपद के ग्राम पंचायत देवरी नवीन में पिछले 10 साल से शराब बंद है. पंच और सरपंच के इस फैसले से गांव में परिवारों में कोई लड़ाई नहीं है, वहीं सभी अपने घरों में हसी खुशी जीवन व्यतीत करते हैं जो एक मिसाल पेश करता है.

village became intoxicated due to the initiative of the young sarpanch
पिछले 10 सालों से नशामुक्त है गांव, सभी करते हैं प्रशंसा

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Published : Aug 17, 2020, 12:26 PM IST

जबलपुर। शहर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बरगी विधानसभा और शहपुरा जनपद के ग्राम पंचायत देवरी नवीन के पंचों ने, शराब बंदी को लेकर समाज में फैली कुरीति और आपसी सौहार्द को बनाए रखने के लिए 10 साल पहले एक ऐतिहासिक फैसला लिया था. जहां ग्राम पंचायत ने नशामुक्ति के लिए एक समिति का गठन करते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्र में शराब बंदी करने का निर्णय लिया और इस मामले को लेकर एक संकल्प पारित करते हुए गांव में बैठककर इसे पूरा किया गया.

शराब के कारण अच्छे-अच्छे घर बर्बाद हो गए हैं, वहीं ऐसी नौबत गांव में कभी न आए इसलिए, गांव की पंचायत ने शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ शराब पीने वाले व्यक्ति के खिलाफ 10 हजार जुर्माना और गाली गलौज करने वाले पर 5 हजार जुर्माना लगा हुआ है जो पिछले 10 सालों से जारी है.

बता दें शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत देवरी नवीन के नियम की सराहना वहां की महिलाओं से लेकर, मुख्यमंत्री और कलेक्टर खुद कर चुके हैं. वहीं पंचायत के इस फैसले से गांव में घरों में आपसी विवाद की स्थिति निर्मित नहीं होती है.

महिलाओं के संकल्प से बने नियम-

गांव के सरपंच रामकुमार सैय्याम बताते हैं कि ग्राम पंचायत देवरी नवीन के साथ तिन्हेटा और बाड़ीबारा गांव में शराब पीने वाले व्यक्ति पर जुर्माने लगाने का नियम है और यह नियम वहां की महिलाओं के संकल्प से संभावित हुआ है, वहीं महिलाएं खुद आगे आकर शराब पीने वालों के नाम बताती हैं.

गांव के पंच और सरपंच करते हैं फैसला-

बता दें इस फैसले से पहले ग्राम पंचायत के हर मोहल्ले में जगह-जगह अनाधिकृत रूप से शराब बनाई जा रही थी. साथ ही खुलेआम शराब की बिक्री की जा रही थी, जिससे ग्राम पंचायत के युवा और बुजुर्ग शराब के आदी होते जा रहे थे. वहीं इसके कारण गांव में अशांति का वातावरण पैदा हो रहा था और शराब की बिक्री से गांव में जनमानस, महिलाएं और छोटे बच्चों पर इसका गलत असर पड़ रहा था. जिसे देखते हुए पंच और सरपंच ने गांव में शराबबंदी का फैसला लिया था.

जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत देवरी नवीन द्वारा बनाई गई शराबबंदी के लिए सदस्यीय समिति के निर्णय के बाद उक्त मामले को ग्राम पंचायत में प्रस्तुत किया जाता है. जिसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा शराब पीने वालों ओर बेचने वाले दोनों के ऊपर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाती है. लेकिन अगर यह बात विगत पांच वर्षों की जाए तो अभी तक यहां एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है, ओर यह गांव जबलपुर जिले के लिए एक मिसाल बन गया है.

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