मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पर्यावरण संरक्षण की अनोखी मिसाल, 125 साल पुराने पेड़ को बिना काटे बनाया घर - Jabalpur news

पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पीपल के वृक्ष का आध्यात्मिक महत्व भी है. मान्यताओं के मुताबिक पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी देवताओं का भी वास होता है. यही वजह है कि घर के सदस्य इस वृक्ष की रोज़ाना पूजा भी करते हैं.

Unique tree house
अनोखा ट्री हाउस

By

Published : Jun 7, 2020, 9:50 AM IST

जबलपुर।सुंदर घर बनाने का सपना भला किसका नहीं होता, अच्छा आर्किटैक्चर, बेहतर डिज़ाइन और आधुनिक सुविधाओं से युक्त घर का नजारा इन दिनों आम है लेकिन एक पेड़ के लिए कोई अपने घर की डिज़ाइन को ही बदल दे तो आप क्या कहेंगे. जबलपुर से लगे पनागर इलाके में एक ऐसा ही अनोखा घर बसा हुआ है. इस घर को ट्री हाउस कहना भी गलत नहीं होगा ऐसा इसलिए क्योंकि एक 125 साल पुराने पीपल के बड़े वृक्ष को काटे बगैर मकान के मालिक ने उसमें घर बनाया है.

125 साल पुराने पीपल के पेड़ से बना अनोखा ट्री हाउस

दरअसल, जबलपुर से लगे पनागर के केशरवानी परिवार का घर कोई आम घर नहीं है, यहां केवल परिवार के चंद सदस्य नहीं बल्कि एक 125 साल पुराना पीपल का पेड़ भी साथ रहता है. घरों में खिड़कियों से लोग बाहर का नज़ारा देखते हैं लेकिन यहां इस पेड़ की शाखाएं खिड़कियों से निकलती हैं. तीन मंजिला इस इमारत में सबसे नीचे फ्लोर मे पीपल की जड़ तो ऊपर पेड़ की शाखाएं हैं. एक विशाल वृक्ष को बचाने केशरवानी परिवार का ये काम सभी को पर्यावरण संरक्षण की सीख दे रहा है. ऊपर से देखेंगे तो पीपल के इस वृक्ष की विशाल शाखाएं नज़र आएंगी लेकिन जड़ कहां ये किसी को नही पता.

बता दें कि इस घर की नींव आज से ठीक 27 साल पहले रखी गई थी. इस घर को स्व.डॉ मोतीलाल केशरवानी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बनवाया था. उनके बेटे के मुताबिक मोतीलाल केशरवानी इस पेड़ की छांव में पले बढ़े और जब मकान बनाने की बारी आई तो इस पेड़ को अपने साथ रखने की इच्छा ज़ाहिर की. बेशक स्व. मोतीलाल पेड़ों के महत्व को समझते थे. आज से 27 साल पहले पर्यावरण बचाने की इस नेक सोच का नतीजा है कि आज भी ये वृक्ष सुरक्षित है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details