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अफसर मिलकर डकार गए 20 करोड़ ! प्रधानमंत्री आवास योजना में घपला - pradhanmantri awas yojna ghotala

प्रधानमंत्री आवास योजना में 20 करोड़ के घोटाले के मामले को जबलपुर हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को भेजने के निर्देश दिए हैं. मामले में जांच के दौरान दो कर्मचारियों ने सुसाइड कर लिया था. मरने से पहले दोनों कर्मचारियों ने कुछ अफसरों की मिलीभगत के भी आरोप लगाए थे

Twenty crore scam
अफसर मिलकर डकार गए 20 करोड़ !

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Published : Mar 19, 2021, 12:03 PM IST

जबलपुर। शहपुरा नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 20 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया है. इस बारे में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि दो निचले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच की गयी थी. जांच के दौरान अपने बयान में दोनों कर्मचारियों ने तत्कालीन अध्यक्ष और सीएमओ के दवाब में काम करने की बात कही थी. जांच ने दौरान दोनों कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली थी. हाईकोर्ट ने इस शिकायत को लोकायुक्त के समक्ष पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट की युगलपीठ ने लोकायुक्त को याचिकाकर्ता की शिकायत पर विधि अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना में 20 करोड़ का घोटाला

याचिकाकर्ता राजेश सिंह राजपूत की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया है, कि शहपुरा नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष शिवांगी सिंह, उनके पति विक्रांत सिंह और तत्कालीन सीएमओ मीरा कौल ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 20 करोड़ रूपये का घोटाला किया है. योजना के तहत पात्र लोगों के नाम पर राशि आवंटित की गयी. लेकिन दूसरे व्यक्तियों के खाते में आवंटित जारी कर उसे निकाल लिया गया. मीरा कौल के बाद नियुक्त किये गये सीएमओ ने मामले की जांच करते हुए घोटाले के बारे में अपनी रिपोर्ट आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग और कलेक्टर को दी थी.

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नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष , उनके पति, तत्कालीन सीएमओ पर आरोप

सीएमओ ने अपने स्तर विभागीय जांच भी शुरु की थी. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन अकाउंटेंट और फायरमैन के बयान भी दर्ज किये थे. जिसके बाद दोनों कर्मचारियों की मौत हो गयी थी. कर्मचारियों ने बताया था कि तत्कालीन अध्यक्ष,सीएमओ और अध्यक्ष पति के दबाव में उन्होंने काम किया था. आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे. याचिका में मांग की गई है, कि घोटाले की जांच के लिए SIT का गठन किया जाए. दोषियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए.

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