जबलपुर। बीते 3 सालों के अंदर देश के छह से ज्यादा राज्यों में एटीएम मशीन से लाखों रुपये की चोरी करने वालों को जबलपुर पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी. खास बात यह है कि इस गिरोह का सरगना B.Tech इंजीनियर का छात्र था और अपने साथियों के साथ मिलकर एटीएम मशीन से बड़ी ही चालाकी से रुपये निकाल लिया करता था. जबलपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी विजय यादव सहित उसके दो अन्य साथी गगन और अजीत को गिरफ्तार किया है.
कुछ इस तरह से देते थे चोरी को अंजाम
जबलपुर पुलिस की पूछताछ में पता चला कि विजय यादव और गगन बीटेक इंजीनियर के छात्र है, ये आरोपी आमतौर पर एनसीआर कंपनी के एटीएम मशीन को ही निशाना बनाया करते थे. आरोपी सबसे पहले एटीएम मशीन में कार्ड स्वेप कर पासवर्ड डालकर एमाउंट (रकम) इंटर करते और जैसे ही रुपये ट्रे में आते तो नुकीली चिमटी उस ट्रे में फंसा देते, जिसके चलते लिंक कट हो जाती,मशीन से रुपये निकालने के बाद आरोपी बैंक में क्लेम करते कि हमारा पैसा मशीन में फंस गया है.
करीब 43 लाख रुपये निकाल चुके है आरोपी
जबलपुर पुलिस ने गैंग के सरगना विजय यादव के बैंक एकाउंट की जब जांच की तो पाया कि उसके खाते से अभी तक करीब 43 से 45 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है. पुलिस अनुमान लगा रही है कि संभवता यह रकम देश के अलग-अलग राज्यों के एटीएम से निकाली गई है. पुलिस ने 3 जून को संजीवनी नगर के पास से विजय यादव को गिरफ्तार किया था और फिर उसकी निशानदेही पर उत्तरप्रदेश से अजीत और गगन को पकड़ा गया.
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इंजीनियर का छात्र बन गया इंटरस्टेट अपराधी
एटीएम चोरी गैंग का मुख्य सरगना विजय यादव ने कानपुर से बीटेक इंजीनियरिंग की है. विजय यादव का एक दोस्त था जो कि उतरप्रदेश में एटीएम मशीन से चिमटी की सहायता से रुपये निकाल लिया करता था. पूछताछ में विजय ने बताया कि वह अपने दोस्त के संपर्क में आया और फिर उसने भी धीरे-धीरे पहले उत्तरप्रदेश में चोरी करना शुरू किया और फिर देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी गैंग के साथ सतर्क हो गया.
दस से ज्यादा राज्यों में दिया एटीएम चोरी को अंजाम पुलिस पूछताछ में गैंग के सरगना विजय यादव ने बताया कि करीब तीन साल पहले उसने अजीत और गगन के साथ मिलकर एटीएम मशीनों में चोरी करना शुरू किया था अभी तक आरोपीयो ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में चोरी को अंजाम दिया है. पुलिस जांच में विजय यादव के तीन बैंक खातों से 33 लाख-12 लाख और 96 हजार रुपये मिले हैं. पुलिस ने रुपये के अलावा आरोपियों से एक कार, दो मोबाइल, 3 एटीएम कार्ड, स्टील की चिमटी-पेचकस और चोरी के 65 हजार रुपये नगद बरामद किए हैं.
सिर्फ एनसीआर कंपनी की मशीनों को करते थे टारगेट
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि इनका टारगेट सिर्फ एनसीआर की मशीन होती थी. चोरों ने बताया कि एनसीआर की मशीन में चिमटी और पेचकस फंसाना बहुत ही आसान होता था और इस मशीन से रुपये भी आसानी से निकल जाते थे. इस वजह से ये लोग पूरे देश में घूम-घूमकर एनसीआर कंपनी की मशीन को टारगेट करते थे.