जबलपुर: अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने अड़े नर्सिंग स्टाफ ने एक स्ट्रीट प्ले के जरिए अपनी व्यथा कथा का बखान किया. इस प्ले में उन्होंने सरकार की हीला हवाली और नर्सों की विषम परिस्थितियों को प्रदर्शित किया. मध्य प्रदेश सरकार और विभिन्न विभागों को अपने अंदाज में आड़े हाथों लिया. विरोध में नर्सों ने अपने गले में अलग-अलग तख्तियां लटकाईं- जिनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग,वित्त विभाग ओर मध्यप्रदेश शासन के नाम लिखे हुए थे. दर्शाया कि कैसे वो हर विभाग के समक्ष जाकर गुहार लगा रहें हैं और किस तरह उन्हें अनसुना किया जा रहा है. उन्होंने नाटक के जरिए जाहिर किया कि कैसे सिर्फ टरकाने की नीति के तहत उनके साथ व्यवहार किया जा रहा है. लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नर्स का किरदार निभा रहे स्टाफ ने अपनी दयनीय स्थिति को बताने के लिए पीपीई (PPE kit) का सहारा लिया.
MP में अब नर्सों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, 8 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू
लंबित मांगों पर अब नहीं करेंगे बर्दाश्त
जबलपुर नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष हर्षा सोलंकी ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी लंबित मांगों पर विचार नहीं किया गया तो नतीजे के लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी. आंदोलन को और गति दी जाएगी. अगर आने वाले वक्त में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा जाएगी और उसके चलते कई लोगों की जिंदगी मुश्किल में आएगी, हाहाकार मचेगा तो लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
चरणबद्ध आंदोलन के अपने ऐलान के तहत ही नर्सेज ने शुक्रवार (11 जून) को पीपीई किट में प्रदर्शन किया, शनिवार (12 जून) को मानव शृंखला, 13 को लोगों से क्षमा याचना , 14 को धरना और 15 जून को 2 घंटे का काम बंद रखेंगे। इसके बाद भी मांगें नहीं मानीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।