जबलपुर। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की गिरफ्त में फंसता जा रहा है. देश में लगातार कोरोना के पॉजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं. मध्य प्रदेश के हालात भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं है. मिनी मुंबई सहित राजधानी और संस्कारधानी का भी यहीं हाल है. ऐसी स्थिति में भी कोरोना वायरस प्रदेश की सबसे बड़ी नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल की दीवारों तक नहीं पहुंच पाया है. अभी भी यह जेल कोविड-19 से बची हुई है.
इंदौर में जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला करने वाले एनएसए के अपराधी जावेद और सलीम को जबलपुर की केंद्रीय जेल में शिफ्ट करना था. दोनों ही आरोपियों को गेट पर 11 अप्रैल को लाया गया था. जेल प्रहरी आरोपियों को जेल के अंदर शिफ्ट कर ही रहे थे, तभी वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने ऐहतियात के तौर पर दोनों को गेट पर ही रोक दिया और वहां से तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के दौरान जावेद कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जबकि सलीम की रिपोर्ट निगेटिव आई.
चूक की होती तो आज पूरी जेल होती कोरोना पॉजिटिव
नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में आज करीब 2100 से ज्यादा कैदी सजा काट रहे हैं. माना जा रहा है कि, अगर इतनी बड़ी चूक हो जाती, तो आज प्रदेश की सबसे बड़ी जेल सुरक्षित नहीं होती. वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार की मानें तो, जावेद के पिता के चलते ही इंदौर जेल में कोरोना फैला है.