जबलपुर। कोरोना संक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की मंगलवार को हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. प्रदेश सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई. जिसमें कहा गया कि, प्रदेश के रेड और ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में तब्दील करने का पूरा प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है, इसके लिये हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं.
इसके साथ ही सरकार की ओर से कहा गया कि, कोविड-19 और लॉकडाउन को लेकर जारी नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए याचिकाकर्ताओं को उसका परीक्षण करने का समय देते हुए, मामलों की अगली सुनवाई 27 मई को निर्धारित की है.
हाईकोर्ट में ये याचिकाएं ग्वालियर के अधिवक्ता सुनील कुमार जैन, जबलपुर के अधिवक्ता अमित कुमार साहू, इंदौर के अधिवक्ता सूरज उपाध्याय और इंदौर के व्यवसायी मुकेश धनराज वाधवानी की ओर से दायर की गईं हैं.
इन याचिकाओं में कोरोना वायरस को लेकर सरकार को आवश्यक निर्देश दिए जाने की प्रार्थना की गई है. विगत 17 जनवरी को प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सरकार को अब तक किए गए इंतजामों का ब्यौरा पेश करने कहा था.
इसके बाद हुई सुनवाई दौरान सरकार की ओर से युगलपीठ को बताया गया था कि, प्रदेश सरकार कोरोना आपदा को लेकर गंभीर है. इसी के तहत कोरोना जांच किट की संख्या में इजाफा किया गया है, इसके साथ ही अन्य एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं.
लॉकडाउन का कड़ाई से पालन होने व एनएसए के कोरोना पॉजिटिव आरोपी जावेद को भगाने संबंधी आरोप पर न्यायालय ने जांच कर जवाब पेश करने कहा था, इसके साथ ही प्रदेश में आने- जाने व जिले के अंदर के मूवमेंट को लेकर किये गये इंतजामात का ब्यौरा पेश करने के निर्देश भी न्यायालय नें दिये थे.
मामले में मंगलवार को आगे हुई सुनवाई दौरान, सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट का हवाला देकर न्यायालय को बताया गया कि, सिर्फ जरूरतमंदों को ही एक से दूसरे जिले में और प्रदेश से बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है, यात्रियों की जांच के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं.