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मानवाधिकार आयोग ने सरकार से पूछा, 'कोरोना की तीसरी लहर के लिए क्या तैयारी की है?' - Third wave of corona in Madhya Pradesh

राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (Human rights commission) को याचिका पत्र लिखा था. इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने सरकार ने 28 मई तक जवाब मांगा है. आयोग ने पूछा है कि सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर क्या व्यवस्था की है.

Human rights commission
मानवाधिकार आयोग

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Published : May 18, 2021, 10:19 PM IST

Updated : May 18, 2021, 10:57 PM IST

जबलपुर।वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Rajya Sabha MP Vivek Tankha) ने मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग (Human rights commission) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन को 17 मई को एक याचिका पत्र लिखते हुए मांग की थी कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के साथ अब म्युकरमाइकोसिस (Blake fungus) बीमारी के मामले सामने आने लगे है, इसमे इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में बड़ी संख्या में मरीजों की मृत्यु हो रही है, इस बीमारी का मृत्यु दर 55 प्रतिशत तक हो चुका है. याचिका पत्र पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से 28 मई तक प्रतिवेदन मांगा है.

  • नकली दवाओं की तस्करी चरम पर

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने अपने याचिका पत्र में लिखा था कि इस बीमारी की दवा बाजारों में आसानी से उपलब्ध नहीं हो रही है. प्रशासनिक व्यवस्थाओं में भी कमी होने के कारण अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाईयों की कमी की आड़ में नकली दवाओं की सप्लाई की जा रही है. जिससे कि मरीजों की मौते भी लगातार हो रही हैं, और यह पता नहीं चल रहा है कि मौतें बीमारी से हुई हैं अथवा नकली दवाओं से, इतना ही नहीं अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ रहे हैं और नकली दवाओं की तस्करी चरम पर होकर सही दवा मरीजों की पहुंच से दूर और शासकीय, निजी क्षेत्र के मरीजों के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हो रहे है.

  • तन्खा ने ये दिए सुझाव

राज्यसभा सांसद ने लिखा कि जिलों के कलेक्टर और शासकीय, निजी क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों से समय-समय पर रिपोर्ट मांग कर आप कोरोना, ब्लैक फंगस और अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को सही दवाईयां और समुचित इलाज के लिए दिशा-निर्देश दे.

  • आयोग ने 28 मई तक मांगा प्रतिवेदन

आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने याचिका में उल्लेख किए गए सभी बिंदुओं पर संज्ञान लेकर मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन और अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल से 28 मई तक प्रतिवेदन मांगा है.

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  • आयोग ने इन छह बिन्दुओं पर मांगा प्रतिवेदन
  1. दिनांक 9 मई से 18 मई तक की अवधि में प्रतिदिन जिलावार कोरोना महामारी और म्युकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) बीमारी के कितने मरीज पाए गए और इलाज, दवाई, इंजेक्शन के अभाव में कितने मरीजों की मृत्यु हुई.
  2. इन बीमारियों के उपयोग में आने वाली दवाइयों और इंजेक्शन की उपलब्धता मरीजों को सुनिश्चित हो, इसके क्या प्रयास किए गए हैं.
  3. इन बीमारियों की उपयोग में आने वाली दवाइयों, इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी प्रथम सूचना रिपोर्ट, किन धाराओं में दर्ज की गई और कितने व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई.
  4. इन दवाइयों और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए क्या-क्या उपाय किए गए और किए जा रहे हैं?
  5. हर जिले में ऐसी महामारी और बीमारी के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं, यदि किसी जिले में मरीजों की तुलना में बेड कम हैं, तो किन अन्य साधनों से ऐसे अतिरिक्त मरीजों का इलाज किया गया.
  6. कोरोना महामारी की यदि तीसरी लहर आती है, तो उसके संबंध में क्या व्यवस्थाएं की जा रही है?

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  • विवेक तन्खा ने किया ट्वीट

विवेक तन्खा की याचिका याचिका पत्र पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेने पर विवेक तन्खा ने ट्वीट किया है. 'आज मेरे पत्र याचिका पर संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा संभागीय आयुक्तों से महामारी सम्बंधित 6 मुद्दों पर जवाब तौर प्रतिवेदन तलब किया. ब्लैक फंगस, दवाओं की कालाबाजारी, नकली दवाओं के वितरण, अस्पताल में बेड की कमी इत्यादि.'

Last Updated : May 18, 2021, 10:57 PM IST

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