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गरीबों के लिए फरिश्ता बने पराग, अपने खर्च पर मोबाइल इकट्ठा कर दे रहे शिक्षा - जबलपुर में ऑनलाइन शिक्षा

जबलपुर में कोरोना महामारी को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा अधिक प्रचलन में आ गई ऐसे में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना मुश्किल हो गया. 2016 से बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करा रहे पराग दीवान ने इस समस्या का हल निकालते हुए बच्चों को मोबाइल उपलब्ध कराए. अब वह रोजाना बच्चों को शिक्षा प्रदान करा रहे हैं.

जबलपुर में पढ़ाई
जबलपुर में पढ़ाई

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Published : Jun 7, 2021, 10:31 PM IST

जबलपुर।कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों को देखते हुए बीते दो साल से लॉकडाउन के हालात बन रहे हैं. ऐसे में व्यवसाय-जॉब तो प्रभावित हुआ ही है, पर सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है. स्कूलों के ऑनलाइन पढ़ाई के कांसेप्ट के बाद बच्चों गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई, जिस घर में दो वक्त का खाना जुटा पाना मुश्किल होता है, वहां मोबाइल खरीदकर पढ़ पाना असंभव है. ऐसे ही बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा शिक्षक पराग दीवान ने उठाया है. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उन्होंने अब तक 100 मोबाइल इकट्ठा कर लिए हैं और गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं.

2016 से बच्चों को पढ़ा रहे पराग.

100 से ज्यादा बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रहे पराग
मां नर्मदा का तट ग्वारीघाट पर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कराने के लिए शिक्षक पराग दीवान ने मोबाइल इकट्ठा कर लिए हैं. इन मोबाइलों को पराग गरीब बच्चों को देते हैं और उनकी अधूरी रही ऑनलाइन पढ़ाई को पूरा करवाते हैं. पराग बीते कई वर्षों से इस तट के पास रहने वाले गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. पराग दीवान 2016 से ग्वारीघाट के बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पराग दीवान की क्लास में आज 100 से ज्यादा बच्चे हैं.

बच्चों की पढ़ाई के लिए 100 मोबाइलों का किया इंतजाम
कोरोना संक्रमण ने 2020 में तीन माह का लॉक डाउन लगाया. उसके बाद से ही बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती चली गई. सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को ऑनलाइन लेने के निर्देश दिए. ऐसे में इन गरीब बच्चों की पढ़ाई धीरे-धीरे बन्द होने लगी. इस बीच इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास के लिए पराग दीवान ने रास्ता तलाश लिया. ऑनलाइन पढ़ाने के लिए शिक्षक ने करीब 100 मोबाइलों का बच्चों के लिए इंतजाम कर लिया.

मोबाइल पाकर बच्चे हुए खुश
दिन भर माता-पिता के साथ ग्वारीघाट तट पर लगी दुकानों में काम करने के बाद रात आठ बजे से इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू होती है. पराग दीवान ने सभी बच्चों को जो मोबाइल दिए हैं, उस मोबाइल में एक एप्लीकेशन इंस्टाल किया है. इस ऐप के जरिए बच्चे अपने-अपने घरों से ऑनलाइन क्लास में शामिल हो सकेंगे. मोबाइल न होने के चलते बच्चों की पढ़ाई बन्द होने की कगार पर पहुंच गई थी. अब इन गरीब बच्चों के हाथों में भी एंड्राइड मोबाइल है, जिसके चलते एक बार फिर से बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गई है. बच्चे अपने हाथों में मोबाइल पाकर बहुत खुश हैं.

पराग के भूतपूर्व छात्रों ने भी की मदद
शिक्षक पराग दीवान बीते 2016 से रोजाना इन गरीब बच्चों को मां नर्मदा के ग्वारीघाट तट पर निःशुल्क शिक्षा दे रहे है. हालांकि बीते एक साल से उनकी क्लास कुछ हद तक जरूर प्रभावित हुईं, पर उन्होंने इसका भी रास्ता तलाश लिया. पराग दीवान ने अपने भूतपूर्व छात्रों से फेसबुक पर बच्चों की पढ़ाई की समस्या शेयर की. इसके बाद रास्ता निकला, कि क्यों न इन बच्चों को हम सब मिलकर मोबाइल दें. पराग दीवान के सीनियर छात्रों ने करीब 100 मोबाइल इन बच्चो के लिए एकत्रित किये हैं. खास बात ये है कि पराग दीवान के कुछ एक्स छात्र, जो आज विदेश में है, उन्होंने भी वहां से मोबाइल भेजे हैं. वहीं पराग दीवान के छात्र हर्ष तिवारी ने 18 नए मोबाइल गरीब बच्चों के लिए उन्हें दिए हैं.

अब इस तरह हो रही पढ़ाई
पराग दीवान के पास आज ग्वारीघाट तट के आसपास रहने वाले करीब 150 से ज्यादा छात्र हैं. अभी मोबाइल की कमी के कारण एक मोबाइल में दो छात्र पढ़ेंगे. पराग दीवान ने बच्चों को दिए गए सभी मोबाइल में नेट पैक भी डाला है. इसके अलावा घाट पर वाई-फाई भी लगवाया है. पराग दीवान ने सभी मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास का ऐप इंस्टाल किया है. पराग घाट से ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए घरों पर बैठे छात्रों को पढ़ाएंगे.

क्लास खत्म होने के बाद वापस लेते हैं फोन
बच्चे मोबाइल का दुरुपयोग न करें, इसके लिए भी उन्होंने नियम बनाया है. रात 8 बजे से 9 बजे तक चलने वाली क्लास जैसे ही खत्म होती है, वैसे ही शिक्षक पराग दीवान अपने सीनियर छात्रों के साथ मिलकर इन बच्चो के घर-घर जाकर मोबाइल वापस ले लेते हैं. अगले दिन क्लास शुरू होने के पहले फिर से बच्चों को मोबाइल दे दिया जाता है.

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लोगों के बीच प्रसिद्ध हो गए हैं पराग दीवान
पराग दिवान आज ग्वारीघाट क्षेत्र में सिर्फ बच्चों के बीच ही नहीं बल्कि यहां रहने वाले हर व्यक्ति के बीच प्रसिद्ध हो गए हैं. पराग दीवान की गरीब बच्चों को शिक्षा को लेकर की जा रही पहल की आज हर कोई सराहना कर रहा है. काश अगर दुनिया मे पराग दीवान जैसा हर शिक्षक हो जाए तो दुनिया से अशिक्षा का अंधेरा खत्म हो जाए.

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