जबलपुर।कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों को देखते हुए बीते दो साल से लॉकडाउन के हालात बन रहे हैं. ऐसे में व्यवसाय-जॉब तो प्रभावित हुआ ही है, पर सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है. स्कूलों के ऑनलाइन पढ़ाई के कांसेप्ट के बाद बच्चों गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई, जिस घर में दो वक्त का खाना जुटा पाना मुश्किल होता है, वहां मोबाइल खरीदकर पढ़ पाना असंभव है. ऐसे ही बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा शिक्षक पराग दीवान ने उठाया है. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उन्होंने अब तक 100 मोबाइल इकट्ठा कर लिए हैं और गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं.
100 से ज्यादा बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रहे पराग
मां नर्मदा का तट ग्वारीघाट पर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कराने के लिए शिक्षक पराग दीवान ने मोबाइल इकट्ठा कर लिए हैं. इन मोबाइलों को पराग गरीब बच्चों को देते हैं और उनकी अधूरी रही ऑनलाइन पढ़ाई को पूरा करवाते हैं. पराग बीते कई वर्षों से इस तट के पास रहने वाले गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. पराग दीवान 2016 से ग्वारीघाट के बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पराग दीवान की क्लास में आज 100 से ज्यादा बच्चे हैं.
बच्चों की पढ़ाई के लिए 100 मोबाइलों का किया इंतजाम
कोरोना संक्रमण ने 2020 में तीन माह का लॉक डाउन लगाया. उसके बाद से ही बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती चली गई. सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को ऑनलाइन लेने के निर्देश दिए. ऐसे में इन गरीब बच्चों की पढ़ाई धीरे-धीरे बन्द होने लगी. इस बीच इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास के लिए पराग दीवान ने रास्ता तलाश लिया. ऑनलाइन पढ़ाने के लिए शिक्षक ने करीब 100 मोबाइलों का बच्चों के लिए इंतजाम कर लिया.
मोबाइल पाकर बच्चे हुए खुश
दिन भर माता-पिता के साथ ग्वारीघाट तट पर लगी दुकानों में काम करने के बाद रात आठ बजे से इन बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू होती है. पराग दीवान ने सभी बच्चों को जो मोबाइल दिए हैं, उस मोबाइल में एक एप्लीकेशन इंस्टाल किया है. इस ऐप के जरिए बच्चे अपने-अपने घरों से ऑनलाइन क्लास में शामिल हो सकेंगे. मोबाइल न होने के चलते बच्चों की पढ़ाई बन्द होने की कगार पर पहुंच गई थी. अब इन गरीब बच्चों के हाथों में भी एंड्राइड मोबाइल है, जिसके चलते एक बार फिर से बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गई है. बच्चे अपने हाथों में मोबाइल पाकर बहुत खुश हैं.