जबलपुर।शिवराज कैबिनेट में फिर एक बार जब महाकौशल और विंध्य से एक भी विधायक को मंत्री पद नहीं दिया गया तो उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ट्वीट करके अपनी व्यथा जाहिर की. अजय विश्नोई के समर्थन में एक के बाद एक कांग्रेस के कई विधायक, सांसद और पूर्व मंत्री सामने आने लगे. पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने भी अजय विश्नोई का समर्थन किया है.
पूर्व मंत्री तरुण भनोट का बयान कांग्रेस काल में थे दो मंत्री, भाजपा काल में एक भी नहीं
रविवार को जब शिवराज कैबिनेट मंत्रिमंडल में विस्तार हुआ तो उम्मीद जताई जा रही थी कि महाकौशल से एक मंत्री का नाम जरूर इसमें शामिल होगा. पूर्व मंत्री और पाटन विधानसभा सीट से विधायक अजय विश्नोई ने भी कयास लगा लिए थे कि उनको मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. जब उनका नाम सामने नहीं आया तो उन्होंने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की. इधर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने भी अजय विश्नोई के नाराजगी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में विधानसभा अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष, वित्त मंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री महाकौशल से थे. वहीं भारतीय जनता पार्टी में इसके उलट ही देखा जा रहा है.
आज जबलपुर की जनता अपने आप को कर रही है उपेक्षित महसूस
पूर्व वित्त मंत्री और पश्चिम विधानसभा से विधायक तरुण भनोट ने कहा कि निश्चित रूप से आज का दिन बहुत ही बुरा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं पर जो कुछ भी हुआ है, वह महाकौशल और विंध्य के लिए बहुत ही बुरा है. उन्होंने कहा कि आज महाकौशल की जनता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रही है.
हम देंगे उनका साथ
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि भाजपा को जनता के दर्द को समझना चाहिए. भाजपा जबलपुर महाकौशल में अपने सबसे योग्य विधायक को मंत्री बनाए. जिसको भाजपा अपना सबसे योग विधायक मानते हुए मंत्री बनाएगी, वह जनता का प्रतिनिधित्व करने वाला होगा. हम वादा करते हैं कि हम राजनीति नहीं करेंगे और कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देंगे.
अजय विश्नोई मेरे बहुत सीनियर, अपनी उपेक्षा पर नाराज होने का अधिकार
तरुण भनोट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के बहुत ही सीनियर विधायक है अजय विश्नोई. आज जब उन्होंने अपनी पीड़ा को ट्विटर के माध्यम से जाहिर किया तो निश्चित रूप से यह एक दुख का विषय है. उन्होंने कहा कि जब एक सीनियर लीडर जनता के द्वारा चुनकर आता है तो वह भी चाहता है कि उसकी सरकार जब आए तो उसे नेतृत्व करने का मौका मिले. जब उनको मौका नहीं मिला तो वह निश्चित रूप से आहत होंगे. उनके साथ-साथ मैं और महाकौशल-विंध्य की जनता भी आहत है.