जबलपुर।बेसहारा गरीबों के लिए रहवास की व्यवस्था किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय देने का आग्रह किया गया. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला युगलपीठ ने सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई एक अप्रैल को निर्धारित की..
बेसहारों के लिए सहारे कि व्यवस्थाः सरकार को जवाब देने का मिला समय
हाई कोर्ट में बेसाहारा बुजुर्गों के लिए रैन बसेरा जैसी व्यवस्था करने के लिए याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में सरकार को जवाब देने के लिए कोर्ट ने एक अप्रेल का समय दिया है.
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- रैन बसेरा निर्माण करने की मांग
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डाॅ. पीजी नाजपांडे और डाॅ. एम खान ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि 29 जनवरी को इंदौर का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें बेसहारा बुर्जगों को ठंड के मौमस में बाहर खुले में रखा गया. जबलपुर और भोपाल शहर में भी बेसहारा बुर्जग फुटपाथ में सोने मजबूर है. ठंड और ओस से बचाव के लिए उनके पास बिछौने तक उपलब्ध नहीं है. मप्र नगर निगम अधिनियम की धारा 427 की उपविधि 44 में गरीब बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरा निर्माण तथा उनके संचालन की व्यवस्था है. इसके बावजूद भी रैन बसेरा का निर्माण नहीं किया. जो बनाये गये है वहां अव्यवस्थाओं का आभाव है. याचिका में मांग की गई है कि असहाय बुर्जगों के लिए रैन बसेरा निर्माण करने के निर्देश दिए जाए. इसके अलावा संचालित ओल्ड होम के सुधार कार्य कर उनका व्यवस्थित संचालन किया जाए.