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Surya Grahan 2022 सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें क्या न करें, इस समय से शुरु करें भगवान के दर्शन-पूजन, खुलेंगे मंदिरों के पट - भगवान के दर्शन पूजन शुरु करने का समय

भारत में सूर्य ग्रहण 04 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहा. सूर्य ग्रहण को धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्याताएं हैंं. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें और क्या ना करें (What do after solar eclipse ). इसके साथ ही जानें की भगवान के दर्शन के लिए शुभ समय क्या है और साथ ही मुख्य मंदिरों के पट कब से खुल रहे हैं. (surya grahan 2022) (solar eclipse in india) (surya grahan ke bad kya karen) (surya grahan ke baad kya na kare)

surya grahan ke bad kya karen
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें क्या न करें

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Published : Oct 25, 2022, 7:28 PM IST

भोपाल। दिवाली के बाद भारत में खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगा. भारत में सूर्य ग्रहण 04 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहा. सूर्य ग्रहण को धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्याताएं हैंं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद कुछ ऐसी चीज हैं, जिनको करने से बचना चाहिए और कुछ चीजों का करना चाहिए. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें और क्या ना करें. (surya grahan 2022)

सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें:ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद मकान, दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान की साफ-सफाई करनी चाहिए. हर जगह गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए. घरों को नमक के पानी से धोना चाहिए. इसके बाद खुद स्नान करें और घर के देवी-देवताओं को स्नान करवाएं. वहीं सूर्य ग्रहण के बाद दान करना सबसे पुण्यदायी माना गया है. जिसमें तिल, गेहूं, चना, तांबे का पात्र, लाल कपड़ा, सोना, नमक, गुड़, सूत (रुई) का दान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से परेशानियों से छुटकारा मिलता है. (surya grahan ke bad kya karen)

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सूर्य ग्रहण के बाद क्या न करें:सूर्य ग्रहण के बाद पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी उपयोग नही करना चाहिए. ये पदार्थ ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं इसलिए उनको नहीं रखना चाहिए. ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को नही छूना चाहिए है सूतक के दौरान मंदिर में भगवान को पर्दा डालकर रखना चाहिए. बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को छोड़कर किसी को भी ग्रहण के दौरान न यात्रा करनी चाहिए, न खाना चाहिए और न ही सोना चाहिए.

भगवान के दर्शन-पूजन शुरु करने का समय:देश में सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 9 मिनट तक चला. जिसके बाद मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं. साफ सफाई, शुद्धिकरण हवन के बाद दर्शन पूजन शुरू हो गया है.

जानें कब खुलेंगे प्रमुख मंदिरों के पट: यूं तो अधिकांश मंदिरों का पट ग्रहण काल और सूतक काल में बंद रहता है. मगर बाबा महाकाल को कालों का काल कहते हैं. इसलिए देश का यह इकलौता मंदिर है जहां किसी भी ग्रहण के दौरान पट बंद नहीं होते. आप यहां जा सकते हैं दर्शन पूजन के लिए.

श्री बदरीनाथ धाम:शाम को मंदिर खुलेगा 5 बजकर 32 मिनट पर, रात्रि को शुद्धिकरण अभिषेक शाम 6 बजकर 15 मिनट पर. शयन आरती के बाद रात्रि को 9.30 बजे लगभग मंदिर बंद होगा.

श्री केदारनाथ धाम:शाम 5 बजकर 32 मिनट पर मंदिर खुला. साफ सफाई, शुद्धिकरण हवन के बाद 7 बजे भगवान का अभिषेक श्रृंगार, शयन आरती के बाद 8.30 बजे शायंकाल को श्री केदारनाथ मंदिर बंद हो जाएगा.

काशी विश्वनाथ मंदिर:26 अक्तूबर को प्रात: सूर्योदय के पश्चात मोक्ष पूजा एवं मंगला आरती के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा.

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