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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 6:04 PM IST

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Jabalpur Students Protest: इंजीनियरिंग व आयुर्वेदिक कॉलेज के स्टूडेंट्स बैठे धरने पर, बोले- पढ़ाई पूरी करने के बाद बेरोजगार ही रह जाएंगे

जबलपुर में इंजीनियरिंग और आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने कॉलेज के सामने प्रदर्शन किया. इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं का कहना है कि बीते 3 सालों से जबलपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एक भी कंपनी कैंपस करने नहीं आई. इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राएं बेरोजगार हो गए. आयुर्वेदिक छात्र-छात्राओं ने भी धरना दिया.

Jabalpur News
इंजीनियरिंग व आयुर्वेदिक कॉलेज के स्टूडेंट्स बैठे धरने पर

इंजीनियरिंग व आयुर्वेदिक कॉलेज के स्टूडेंट्स बैठे धरने पर

जबलपुर।जबलपुर के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्रों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया. इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर धरना दे दिया. ये लोग सुबह 9 बजे से लेकर धरने पर बैठे रहे. इन छात्रों ने बताया कि 5 साल पहले तक जबलपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 से 15 लाख रुपया प्रतिवर्ष पर प्लेसमेंट हो रहा था लेकिन अब स्थिति यह है कि अंतिम वर्ष की परीक्षा खत्म हुए 4 महीने बीत गए हैं लेकिन एक भी कंपनी कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए नहीं आई.

इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट नहीं :छात्रों का कहना है कि बीते 3 साल में मात्र एक कंपनी ने ही जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट दिया है. छात्रों को इस बात का डर है कि यदि इस महीने में भी कोई कंपनी नहीं आई तो छात्र-छात्राओं के सामने नौकरी ना लगने का संकट खड़ा हो जाएगा. उनके कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के जरिए पढ़ाई करवाई जा रही है. इंजीनियरिंग कॉलेज की कई डिपार्टमेंट में प्रैक्टिकल करने के लिए मशीन नहीं हैं. कुछ विभागों में मशीन हैं लेकिन वह ऑपरेट नहीं की जा रही हैं. जब से सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षा का स्तर खराब हुआ है, उसके बाद से ही कंपनियों ने आना बंद कर दिया.

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स्टायपेंड का मुद्दा उठाया :आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों ने भी धरना देकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इन छात्र-छात्राओं की भी मांग है कि उनका स्टाइपेंड बहुत कम है. एकेडमिक ईयर बिगड़ा हुआ है. 4 साल की डिग्री 7 साल में पूरी हो रही है लेकिन राज्य सरकार की ओर से बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा. दूसरी ओर राज्य सरकार आयुर्वेदिक डॉक्टर को प्लेसमेंट नहीं दे रही. मध्य प्रदेश के लगभग 5000 आयुर्वेदिक छात्र-छात्राएं खुद को थका हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश के बाहर दूसरे कई प्रदेशों में उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं.

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