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'महिलाओं की मौत' पर सरकार को HC की फटकार, CS को किया तलब - 10 फरवरी

मध्यप्रदेश में बाइक चलाते समय महिलाओं को मिले छूट को कानून के छात्र ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है, तीन बार वक्त देने के बाद भी कानून में बदलाव नहीं करने पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई और 10 फरवरी को जवाब पेश करने के लिए मुख्य सचिव व परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया है.

Student filed a petition to  compulsory helmet for women
महिलाओं के हेलमेट के लिए स्टूडेंट ने दायर की याचिका

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Published : Jan 21, 2020, 11:03 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में महिलाओं को हेलमेट पहनना जरूरी नहीं है, इसी नियम की वजह से प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटानाओं में ज्यादातर महिलाओं की मौत होने की बात सामने आई है. जिसे ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें राज्य सरकार से ये नियम बदलने की अपील की गई है.

महिलाओं के हेलमेट के लिए स्टूडेंट ने दायर की याचिका

हेलमेट नहीं लगाने से हुई ज्यादा मौतें

आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में साल 2019 में 481 महिलाओं की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है, जिनमें से ज्यादातर महिलाओं की मौत हेलमेट नहीं लगाने की वजह से हुई है, चूंकि मध्यप्रदेश में महिलाओं को हेलमेट लगाने में छूट दी गई है और कानून में इस बात का प्रावधान है कि महिलाएं बिना हेलमेट लगाए बाइक चला सकती हैं. इसी वजह से महिलाओं पर सख्ती नहीं की जाती है और वे बिना हेलमेट लगाए बाइक चलाती हैं, जिससे सड़क दुर्घटना में बचने का कम ही चांस रहता है.

कानून के छात्र ने दायर की याचिका

कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र हिमांशु ने प्रदेश सरकार के इस नियम को चुनौती दी है. हिमांशु ने अक्टूबर में इसको एक जनहित याचिका के रूप में दाखिल किया था, जिसमें 2014 से अब तक के आंकड़े दिए गए थे. इन आंकड़ों में हर साल प्रदेश में सड़क दुर्घटना में मरने वाली महिलाओं की संख्या 450 के आसपास थी.

याचिकाकर्ता हिमांशु का कहना है कि सरकार को इस नियम को बदलना चाहिए क्योंकि सरकार के नियम की वजह से ही महिलाओं की जान जा रही है. इस मामले में राज्य सरकार को तीन बार वक्त मिल चुका है, इसके बावजूद सरकार नियम नहीं बदल पाई है.

10 फरवरी को सरकार को पेश करना है जवाब

इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई और कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए अंतिम मौका दिया है. 10 फरवरी को सरकार को अपना जवाब अदालत में पेश करना है. इस मामले में चीफ सेक्रेटरी मध्यप्रदेश सरकार और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है.

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