जबलपुर। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को शासकीय योजनाओं को लाभ नहीं मिलने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगली सुनवाई में विस्तुत रिपोर्ट पेश नहीं की जाती है तो जिम्मेदार अधिकारों को तलब किया जायेगा. याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई. स्टेटस रिपोर्ट पर जवाब पेश करने के लिए याचिकाकर्ता की तरफ से समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है.
बंधुआ मुक्ति मोर्चा
बंधुआ मुक्ति मोर्चा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के कारण दूसरे राज्यों से बडी संख्या में प्रवासी मजदूर प्रदेश में लौट रहे हैं. प्रवासी मजदूरों को खादय तथा आर्थिक मदद करने के लिए कई शासकीय योजनाएं संचालित की जा रही है, जिससे प्रवासी मजदूर अपना जीवन यापन कर सकें. याचिका में कहा गया है कि दूसरे प्रदेश से लौटे प्रवासी मजूदरों को किसी प्रकार की शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. याचिका के साथ वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के नाम की सूची आधार कार्ड के साथ प्रस्तुत की गयी थी.