जबलपुर। गरीबों को भरपेट भोजन कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत फिर कर दी है. जबलपुर शहर में ही चार स्थानों पर दीनदयाल रसोई योजना के तहत गरीबों को 10 रुपए थाली में भोजन कराया जा रहा है. लेकिन इस योजना के संचालन के लिए फंड न मिल पाना संस्थाओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है.
फंड की कमी से जूझ रही दीनदयाल रसोई योजना - चार केंद्रों पर गरीबों को कराया जा रहा दस रुपए में भोजन
जन सेवा नारायण सेवा के मकसद को लेकर शुरू की गई दीनदयाल रसोई योजना आज हजारों गरीब लोगों का पेट भर रही है. मध्य प्रदेश सरकार की दीनदयाल रसोई योजना एक ऐसी योजना है, जिसका फायदा सीधे गरीब जनता को मिल रहा है. महज 10 रुपए में हर शख्स भरपेट खाना खा सकता है. जबलपुर शहर में पहले इस योजना के तहत केवल एक केंद्र संचालित किया जा रहा था, लेकिन आज जबलपुर शहर में दीनदयाल रसोई योजना के तहत चार केंद्रों से गरीबों को 10 रुपए में भरपेट भोजन कराया जा रहा है. मजदूर रिक्शा चालक और गरीब जनता इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है, यहां तक कि दूसरे शहरों से आने वाले लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में होटल में खाना उनके लिए संभव नहीं है.
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लेकिन इस योजना का संचालन करने वाली संस्थाओं के सामने वित्तीय संकट आकर खड़ा हो गया है, क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से संस्थाओं को कोई फंड नहीं दिया जाता है. संस्थाएं अपने दम पर या दान राशि के जरिए इस योजना का संचालन कर रही है. सरकार की ओर से संस्थाओं को केवल एक रुपए किलो गेहूं और 2 रुपए किलो चावल मुहैया करा दिया जाता है, लेकिन इसके अलावा बाकी संसाधनों के लिए फंड नहीं दिया जाता है. लिहाजा संस्थाएं दान राशि की भरोसे ही इतनी बड़ी योजना का संचालन करती हैं. जबलपुर में दीनदयाल रसोई योजना का संचालन करने वाली संस्था का कहना है कि योजना के संचालन के लिए सरकार भी एक निश्चित बजट मुहैया कराए.
- कई जिलों में योजना को करना पड़ा था बंद
सरकार ने गरीबों की मदद के लिए योजना की शुरुआत कर दी है, लेकिन अब देखना होगा की दान राशि की दम पर यह योजना कब तक चल पाती है. क्योंकि इसके पहले भी जब 5 रुपय थाली के हिसाब से इस योजना की शुरुआत की गई थी, तब एक समय ऐसा भी आ गया था कि कई जिलों में योजना को बंद करना पड़ा था. लिहाजा अब देखना होगा कि वाले दिनों में इस योजना के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा पाती है.