जबलपुर।कोरोना वायरस ने ऐसा हाहाकार मचाया कि लोग हंसना ही भूल गए, संगीत और कला तो मानो समाज से गायब सी हो गई, ऐसे में सबसे बुरा असर कलाकारों पर पड़ा और कला की गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गईं. कलाकारों के अंदर एक खीज पैदा हो गई, ऐसे में जबलपुर कि कुछ लड़कियों ने मिलकर एक बैंड बनाया है. यह म्यूजिकल बैंड कोरोनाकाल में हाथ पर हाथ रखकर बैठे कलाकारों के लिए आशा की किरण लेकर आया है, और कह रहा है कि अभी दुनिया खत्म नहीं हुई है, आओ कुछ नया करें.
नेत्रहीन अंजली के लिए नई रोशनी
बैंड का नाम श्री जानकी बैंड रखा गया और इस बैंड में केवल लड़कियां हैं, इनमें एक लड़की अंजली सोनी भी शामिल है. 2013 में अंजली बीमार हुई और डॉक्टरों के गलत इलाज की वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई. अब अंजली देख नहीं पाती लेकिन, इस बैंड ने उसे सहारा दिया है. भले ही वह दुनिया की रंगीन तस्वीर नहीं देख पा रही हैं, लेकिन उसने इस बैंड के जरिए एक नई दुनिया को देखा है. जहां पारंपरिक धुनें हैं, कोरस में गाया हुए सुर हैं. एक तो कोरोनावायरस का संकट काल दूसरा अंजलि का नेत्रहीन होना इन दोनों ही वजह से अंजली का जीवन पूरी तरह से सूना हो गया था लेकिन अब वह बेहद खुश हैं.