जबलपुर। 10 अगस्त मंगलवार को कोरोना महामारी संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट (High Court) में सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गयी, जिसमें बताया गया कि इसी साल सितंबर तक 18 साल से अधिक उम्र वालों को टीके (Corona Vaccination) का पहला डोज लगा दिया जाएगा. रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने बताया कि प्रदेश के 52 जिलों में से सिर्फ 14 जिलों के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगी हुई है. युगलपीठ ने सभी जिलो में 4 अक्टूबर तक सीटी स्कैन मशीन लगाये जाने का आदेश जारी किया है.
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कोरोना महामारी के दौरान उपजे हालातों का स्वतः संज्ञान तथा अन्य याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व में पारित आदेश का परिपालन करते हुए प्रदेश के महानगरों तथा अन्य शहरों में निर्धारित कोरोना उपचार रेट की सूची पेश की. उनकी तरफ से बताया गया कि जो रेट महानगर के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल (Multispeciality Hospital) के हैं, वही रेट आदिवासी बाहुल्य तथा पिछड़े जिले के छोटे अस्पताल भी वसूल रहे हैं. इसके अलावा कोर्ट मित्र ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरल आदि राज्यों में लागू कोरोना उपचार रेट की जानकारी भी पेश की. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में मध्यप्रदेश की तुलना में कोरेना उपचार के रेट 25 से 50 प्रतिशत तक कम है.
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में 13 मेडिकल अस्पतालों में 1280 वेंटिलेटर हैं, जिसमें से 23 खराब हालत में हैं. इसके अलावा प्रदेश के 52 जिलों के शासकीय अस्पतालों में वेंटीलेटर की संख्या 567 है और प्रदेश के 14 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गयी है, शेष जिलों में 30 सितम्बर से 4 अक्टूबर के बीच लगा दी जायेगी.
इसके अलावा आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाकर 7595 कर दी गयी है. प्रदेश में 161 ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है. सितंबर माह के अंत तक प्रदेश में 18 प्लस वैक्सीनेशन के प्रथम टीका सभी को लगाने का लक्ष्य है. युगलपीठ ने स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद खराब वेंटिलेंटर को सुधारें तथा सभी जिलों में निर्धारित समय सीमा पर सीटी स्कैन मशीन लगाने का आदेश जारी किया है. राज्य सरकार की ओर से पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट से संतुष्ट हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 6 सितंबर को तय की है.