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Avimukteshwarananda Saraswati : सनातन को खतरे में बताने वाले खुद खतरे में, आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण चौमासे में करने का विरोध

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन को खतरे में बताने वाले दरअसल खुद खतरे में हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति साधने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण चौमासे में करने का विरोध किया. उन्होंने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर फिर निशाना साधा और कहा कि टोने-टोटके करना गलत है. Avimukteshwarananda Saraswati statement

Avimukteshwarananda Saraswati
आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण चौमासे में करने का विरोध

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 10:31 AM IST

आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण चौमासे में करने का विरोध

जबलपुर।भारत के चार पीठों में से ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि यह झूठ फैलाया जा रहा है कि सनातन को किसी से कोई डर है या सनातन खत्म हो जाएगा. जो ऐसा कह रहे हैं दरअसल वे सनातन को समझते ही नहीं हैं. शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए धर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है. बिना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिए उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनवाई, इसके लिए उनका साधुवाद लेकिन ऐसी क्या जल्दी थी कि इस मूर्ति का अनावरण चौमासा में कर दिया.

कथावाचकों के टोटकों का विरोध :शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि आदि शंकराचार्य एक दंडी स्वामी थे और कोई भी दांडी साधु सन्यासी चौमासे में कहीं विचरण नहीं करता. ऐसे में आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण राजनीति से प्रेरित लगता है. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि कई कथावाचक खुद को ज्ञानी बताने के लिए अजीबोगरीब टोटके बता रहे हैं और ये टोटके लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. धर्म में किसी भी समस्या के लिए उपाय की बात कही गई है लेकिन टोटके बताना सही नहीं है.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना :उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के बारे में कहा कि यदि वे इतने चमत्कारी हैं तो फिर वे लोगों से अस्पताल क्यों बनवा रहे हैं वे तो लोगों को जादू से ही ठीक कर दें. शंकराचार्य जी का कहना है कि वह गलत तरीके से खुद का प्रचार कर रहे हैं. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यहां के नेता और अधिकारी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर काम करते हैं. ऐसे में सरकार का कोई भी विभाग किसी धार्मिक स्थल का निर्माण कैसे कर सकता है. क्या यह संविधान की मंशा के खिलाफ नहीं है.

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मंदिरों में लोक बनाना गलत :शंकराचार्य जी का कहना है कि सरकार ने जिस तरीके से मंदिरों को परिवर्तित करके लोक बना दिया है. वह पूरी तरह गलत है क्योंकि मंदिर धार्मिक आस्था से बनाए जाते हैं. इसमें सरकारी दखल पूरी तरह गलत है और सरकार को मंदिरों के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. शंकराचार्य जी का कहना है कि जो लोग कह रहे हैं कि सनातन खतरे में है दरअसल वे खुद खतरे में हैं. इसलिए वे सनातन का सहारा ले रहे हैं. सनातन तो तब भी खतरे में नहीं रहा, जब भारत में पूरी तरह से इस्लामिक राज था.

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