जबलपुर। सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण पर केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है. जिसका विरोध करते हुए जबलपुर जिले में सभी चारों फैक्टरी ओएफके, जीसीएफ, व्हीएफजे और जीआईएफ के हजारों कर्मचारियों ने इस फैसले के विरोध में सांसद राकेश सिंह और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को ज्ञापन सौंपा है.
सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण कर्मचारियों ने किया विरोध, सांसद राकेश सिंह और विवेक तन्खा को सौंपा ज्ञापन - Jabalpur News
सुरक्षा समितियों के निजीकरण के विरोध में जबलपुर में ओएफके, जीसीएफ, व्हीएफजे और जीआईएफ के फैक्टरी के हजारों कर्मचारियों ने सांसद राकेश सिंह और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया.
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हालांकि सांसदों को ज्ञापन सौंपने पहुंचे कर्मचारियों को पुलिस बल ने रोका जिससे कर्मचारी भड़क गये और हंगामा शुरु हो गया. कर्मचारियों ने कहा कि हमारे ही चुने प्रतिनिधि के सामने अपनी मांग रखने तक कि आजादी नहीं दी जा रही है. कर्मचारी नेता अरुण दुबे का कहना है अगर सुरक्षा संस्थान निजी हाथों में चली गई तो पूरा देश बर्बाद हो जाएगा. क्योंकि अभी तक जो गोला बारूद सेना को सप्लाई किया जाता था वही गोला बारूद निजी पूंजीपति डकैतों और आतंकवादियों को सप्लाई करेंगे जिससे कि देश की सुरक्षा में भी खतरा बढेगा. यही वजह है कि हम किसी भी कीमत में सुरक्षा संस्थानों को निजी करण नहीं होने देंगे
कर्मचारियों का कहना है 20 अगस्त से 1 माह के लिए देश भर के तमाम सुरक्षा संस्थान और उनके सहयोगी कार्यालय में पूरी तरह से काम बंद कर हड़ताल की जाएगी. इसके बाद भी अगर केंद्र सरकार निजीकरण को लेकर अपना रुख साफ नहीं करती है तो अनिश्चितकाल के लिए भी सुरक्षा संस्थानों में हड़ताल हो सकती है जिसकी जिम्मेदार पूरी तरह से केंद्र सरकार होगी.