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स्मार्ट सिटी में टॉयलेट घोटाला, नगरीय प्रशासन ने शुरू की जांच

जबलपुर में पब्लिक टॉयलेट बनाने के नाम पर भी घोटाला सामने आया है. जहां सिंहस्थ कुंभ के बाद बचे हुए पुराने टॉयलेट्स को कई गुना दाम पर उनकी खरीदी कर शहर में लगा दिया गया है.

Toilet scam in Smart City
स्मार्ट सिटी में टॉयलेट घोटाला

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Published : Jan 19, 2020, 1:14 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 3:19 PM IST

जबलपुर।स्मार्ट सिटी और नगर निगम के कई प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में हैं. वहीं अब पब्लिक टॉयलेट बनाने के नाम पर भी घोटाला सामने आया है. साल 2018- 19 में जबलपुर स्मार्ट सिटी और नगर निगम की ओर से स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़े पैमाने पर टॉयलेट बनवाए गए. जिनमें भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी गई है.

स्मार्ट सिटी में टॉयलेट घोटाला

आरोप है कि उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुंभ के बाद बचे हुए पुराने टॉयलेट्स को अधिकारियों की मिलीभगत से नया बता दिया गया और फिर बाजार से कई गुना दाम पर उनकी खरीदी कर उन्हें जबलपुर में लगाया गया. अब जब ऐसे ज्यादातर टॉयलेट्स खराब हो गए हैं तो कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना की मांग पर नगरीय प्रशासन विभाग मामले की जांच करवा रहा है. विधायक विनय सक्सेना ने बीते दिनों विधानसभा में टॉयलेट घोटाले का मुद्दा उठाया था. जिस पर नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने लिखित जवाब देते हुए मामले में जांच और कार्रवाई की बात की है. जबलपुर उत्तर से कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने दावा किया है कि जांच पूरी होने के बाद घोटाले का दायरा बेहद बड़ा सामने आएगा.

स्मार्ट सिटी में टॉयलेट घोटाला

बता दें कि जबलपुर में स्वच्छता अभियान के तहत शहरी आवासों में 41 हजार जबकि 204 पब्लिक टॉयलेट्स और बायो टॉयलेट सहित 300 से ज्यादा यूरिनल्स स्थापित करवाए गए थे. लेकिन आरोप है कि बाजार में इनके दाम 10 हजार से 40 हजार रुपये थे. लेकिन स्मार्ट सिटी और नगर निगम की ओर से इनके लिए प्रति नग 2 लाख 85 रुपये तक का भुगतान किया गया. खासकर ऐसे पब्लिक टॉयलेट्स अब कहीं खराब होने, पानी और पाइपलाइन ना होने से इस्तेमाल करने लायक भी नहीं बचे हैं.

Last Updated : Jan 19, 2020, 3:19 PM IST

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