जबलपुर। सरबजीत सिंह मोखा की कहानी में अपराध हैं, तो राजनीति भी हैं. सरबजीत पर राजनेताओं का आशीर्वाद हमेशा से ही रहा हैं, क्योंकि मोखा जबलपुर के कई नेताओं को फाइनेंस करता था, लेकिन जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तो मोखा को बचाने कोई नहीं आया.
सरबजीत सिंह मौखा विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष
सरबजीत सिंह जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था. कुछ दिन पहले ही जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तब विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत को पद से हटा दिया.
हालांकि, जब वह विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था, तब कई बड़े नेता उससे मिलने आते थे. इनमें से विश्व हिंदू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया का भी नाम चर्चित हैं.
राम मंदिर के लिए चंदा
आरोपों के मुताबिक, सरबजीत के बड़े रसूख के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि वह चंदा बहुत बांटता था. राम मंदिर के निर्माण के लिए उसने 2500000 रुपये का दान दिया. इसी तरीके से जबलपुर की रेड क्रॉस सोसायटी के लिए भी उसने 1000000 रुपये दान किए.
नेताओं का फाइनेंसर
राजनीति में सक्रिय रहने वालों का कहना है कि शहर के कई नेताओं के लिए सरबजीत सिंह तिजोरी के जैसे था. चुनाव में नेताओं को मोखा बड़ा फंड देता था. इसलिए छोटे-मोटे मामलों में सरबजीत के ऊपर कभी आंच नहीं आती थी.
जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला तूल पकड़े लगा, तो सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद ने ही उसे पद से हटा दिया. कई नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से उसकी फोटो डिलीट कर दी. आज उसके साथ कोई खड़ा नहीं हैं.