जबलपुर। भूमिहीन होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय प्लाॅट आवंटित नहीं किए गए. इसके कारण दलीत वर्ग के व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि वह बीपीएल श्रेणी में आता है. इसके बाद भी 20 बीघा जमीन के मालिक को आवासीय प्लाॅट आवंटित कर दिया गया है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्हीपीएस चौहान ने याचिका का निराकरण करते हुए इस संबंध में रीवा के कलेक्टर को दो माह में शिकायत के निराकरण के आदेश जारी किए है.
20 बीघा जमीन के मालिक को आवंटित कर दिया आवासीय प्लाॅट - हाई कोर्ट
दलीत वर्ग के एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि बीस बीघा जमीन के मालिक को आवासीय प्लाॅट आवंटित कर दी गई.
याचिकाकर्ता छकौड़ी लाल आदिवासी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह रीवा जिला के पूरवा ग्राम पंचायत का निवासी है. उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय भूखंड के लिए आवेदन दिया था. याचिका में कहा गया था कि वह गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है.
दायर याचिका में ये भी कहा गया कि सरपंच मनमानी करते हुए उन्हें आवासीय प्लाॅट आंवटित कर देता है, जो गरीबी रेखा के नीचे भी नहीं आता. बीस बीघा जमीन के मालिक को आवासीय प्लाॅट आवंटित कर दिया गया. वहीं याचिका का निराकरण करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किया है.