जबलपुर। शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण नीति का पालन नहीं किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार के विधि विभाग ने शासकीय अधिवक्ताओं के पद को लोकपद नहीं मानते हुए नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने से इनकार कर दिया है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट जस्टिस विशाल घगट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.
ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार शासकीय अधिवक्ताओं के पद को लोक सेवक और लोक पद नहीं मानती है, जिसके कारण प्रदेश सरकार ने शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण नीति लागू करने से इनकार कर दिया है. प्रदेश सरकार के इस आदेश की वैधानिकता को चुनौती देते हुए उक्त याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण नीति लागू किए जाने की मांग करते हुए पूर्व में उनकी तरफ से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. उच्च न्यायालय ने सरकारी वकीलों की नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने पर सरकार को विचार करने आदेशित किया था.