जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस डीडी बंसल की युगलपीठ ने अपने अहम फैसले में कहा है कि मेडिकल का पीजी कोर्स पूरा करने के बाद निर्धारित समय अवधि में नियुक्ति नहीं दी गई. इसलिए एक साल तक ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने के बांड की शर्त स्वतः समाप्त हो जाती है. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता छात्र को दस्तावेज तथा एनओसी प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं.
तीन माह में क्यों नहीं दी नियुक्ति :याचिकाकर्ता राहुत मित्तल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि पीजी मेडिकल कोर्स मार्च 2017 में उत्तीर्ण किया था. मध्यप्रदेश चिकित्सा और स्नातकोत्तर पाठयकम प्रवेश नियम की धारा 11 के तहत पीजी कोर्स करने के बाद मेडिकल ऑफिसर के तौर पर एक साल ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करना आवश्यक है. इसके लिए पीजी कोर्स करने वाले छात्रों से बांड भरवाया जाता है. कोर्स पूरा करने के बाद तीन माह की निर्धारित समय सीमा में नियुक्ति प्रदान करने का प्रावधान है.