जबलपुर। कोरोना वायरस का असर रामनवमी में भी देखने को मिल रहा है, आमतौर पर रामनवमी के पर्व पर सैकड़ों लोग जवारे और कलश लेकर सड़कों पर देखने को मिलते थे. लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के खौफ से लोगों ने ना ही अपने घरों में जवारे बोए और ना ही कलश यात्रा निकाली. जिला प्रशासन की भी इसको लेकर सख्ती थी और यही वजह थी की कम लोग ही आज रामनवमी के त्योहार में घरों से बाहर नहीं निकले.
कलश यात्रा और जवारे के दौरान दिखा सोशल डिस्टेंस
जबलपुर के गंगासागर स्थित मंदिर में हर साल सैकड़ों लोग जवारे और कलश लेकर आते थे और इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंस बनाते दिखे. वही इस साल कोरोना वायरस और जिला प्रशासन की सख्ती भगवान के इस त्योहार में भारी पड़ गई. यही कारण था की महज चंद लोग ही गंगासागर माड़िया जी तालाब में जवारे और कलश लेकर निकले.
कोरोना वायरस खत्म करने के लिए भगवान से की गई प्रार्थना
गंगासागर स्थित माड़िया जी के मंदिर में कलश और जवारे लेकर आए और लोगों ने भगवान से प्रार्थना की करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी से जबलपुर सहित प्रदेश और देशवासियों की रक्षा करें और जल्द ही ये वायरस भारत से खत्म हो जाए. ताकि लोग आम दिनों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकें. वही बता दें की कोरोना वायरस के चलते जबलपुर जिला प्रशासन ने 31 मार्च से ही पूरे शहर में लॉकडाउन करके रखा हुआ है, जिसका असर रामनवमी पर्व पर भी देखने को मिल रहा है.