जबलपुर।ससुर के जबलपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्त होने के बाद प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा राजनीतिक विवादों में आ गये हैं. प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने विगत गुरुवार को सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेवीवी) का कुलपति नियुक्त किया (appointment of vd sharma father in law). मिश्रा की नियुक्ति को पार्टी में चल रही राजनीतिक प्रतिदंद्विता का हिस्सा माना जा रहा है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा ने उनकी नियुक्ति पर एक ट्वीट में सवाल किया कि क्या उन्हें इसलिए नियुक्त किया गया क्योंकि वे संघी (संघ परिवार के अनुयायी) हैं या बेहद योग्य हैं या वीडी शर्मा के ससुर हैं, जबकि यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या इसके पीछे कोई साजिश है. जो प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से पहले वीडी शर्मा के ससुर को कुलपति बना दिया गया.
वीडी शर्मा के ससुर की नियुक्ति पर सवाल: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ससुर की नियुक्ति पर कोई भी सार्वजनिक बयान देने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उनके करीबी पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रोफेसर मिश्रा की नियुक्ति भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बदनाम करने के लिए भाजपा की आंतरिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है (vc appointment of vd sharma father in law). ससुर की नियुक्ति उस समय की गई जब उन्हें फिर प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाना लगभग तय माना जा रहा है. उनकी छवि एक मेहनती व ईनामदान नेता की है. उन्होंने कभी भी सरकारी सेवा में ऐसी किसी नियुक्ति का समर्थन नहीं किया. साजिश के तहत उनकी छवि खराब करने के लिए नियुक्ति करवाई गयी है.
वीडी शर्मा के सुसर बने कुलपति वीडी शर्मा का राहुल गांधी पर निशाना, कांग्रेस ने भारत को तोड़ने और बीजेपी ने जोड़ने का किया काम
इन पदों पर रहे प्रोफेसर प्रमोद मिश्रा: पार्टी सूत्रों का कहना है कि इससे पहले राज्य सरकार ने जबलपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता के रूप में उनके कार्यकाल और अन्य गतिविधियों की गोपनीय तौर पर जांच करवाई थी. ससुर की नियुक्ति के माध्यम से पार्टी में उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान की है. जिसके कारण वह सदैव कांग्रेस के निशाने पर बने रहते हैं (congress targeted vd sharma). कांग्रेस पार्टी ने कुलपति की नियुक्ति प्रकिया या प्रोफेसर मिश्रा की योग्यता व अनुभव पर सवाल नहीं उठाये हैं. सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा के अनुभव और योग्यता कि बात की जाये तो वह लगभग चार दशक तक कृषि शिक्षा और शोध कार्य में सक्रिय रहे हैं. जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के बाद प्राध्यापक, कृषि विभाग के अध्यक्ष, कृषि शास्त्र और कृषि प्रबंधन के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा कुलसचिव की जिम्मेदारी भी संभाली है. टीकमगढ़ के कृषि महाविद्यालय के डीन भी रहे और निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने अपने जीवन काल में 15 अनुसंधान परियोजनाओं की शुरूआत की और उनके कई आलेख प्रकाशित हुए है. दर्जनों सम्मेलनों में भाग लेने का अनुभव उनके पास है. उनके एग्रो इकोनॉमिक्स रिसर्च सेंटर के तहत 93 शोध पत्र भी प्रकाशित हुए हैं.
कोर्ट में नहीं टिकेगा मामला: शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र का कहना है कि कुलपति के रूप में प्रो मिश्रा नियुक्ति विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए की गयी है. कोई उनकी नियुक्ति को न्यायालय में चुनौती देता है तो भी मामला टिकेगा नहीं. भाजपा के प्रदेष प्रवक्ता डॉ हितेष वाजपेई ने बताया कि प्रकिया के तहत डॉ मिश्रा को कुलपति नियुक्त किया गया है. इस मामले में कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है