जबलपुर। संस्कारधानी को स्वच्छ बनाए जाने की कवायद जारी है. जिसके लिए शहर में जगह-जगह पब्लिक टॉयलेट बनाए गए हैं. लेकिन इन टॉयलेट की बदहाल हालत पूरे मुहिम पर पानी फेर रही है. इन टॉयलेट में कहीं टंकी नही है, तो कहीं सीट ही गायब है. गंदगी का आलम ये है कि लोग इसका इस्तेमाल ही नहीं करना चाहते हैं.
नियम की उड़ीं धज्जियां
सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक शहर में हर 1 किलोमीटर में सार्वजनिक शौचालय होना चाहिए. लेकिन जबलपुर में एक किलोमीटर तो क्या कई किलोमीटर की दूरी पर भी पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं. शहर के गोरखपुर से लेकर मेडिकल तक तकरीबन 5 किलोमीटर के मार्ग में महज एक या दो पब्लिक टॉयलेट हैं. नगर निगम सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है.
आबादी के हिसाब से पब्लिक टॉयलेट की संख्या कम
20 लाख की आबादी वाले इस शहर में करीब 81 सार्वजनिक शौचालय और 100 सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं.जो नाकाफी हैं. इनमें सुलभ शौचालयों की स्थिति फिर भी ठीक है. लेकिन पब्लिक टॉयलेट की स्थिति बदतर है.