जबलपुर। इन दिनों आत्महत्या के मामलों में इजाफा हुआ है. जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रत्नेश कुरारिया मनोविज्ञान के डॉक्टर हैं, उनका कहना है कि, मौसम का मनोस्थिति पर समान रुप से प्रभाव पड़ता है. गर्मियों के मौसम में लोग डिप्रेशन में कम जाते हैं. इसलिए आत्महत्या की घटनाएं कम होती हैं. वहीं जैसे-जैसे मौसम में ठंडक आती है, तो आत्महत्या के मामले बढ़ने लग जाते हैं.
ठंड बढ़ने के साथ बढ़ती है आत्महत्या की प्रवृत्तिः जानें क्या है इसकी वजह - Suicide Increases With Weather
जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोविज्ञान डॉक्टर रत्नेश कुरारिया का कहना है कि, मौसम का काफी हद तक मनोस्थिति पर प्रभाव पड़ता है. गर्मियों में आत्महत्या के मामले कम होते हैं, लेकिन जैसे ही ठंडक बढ़ती है, आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ जाती है.
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मनोविज्ञान के डॉक्टर रत्नेश कुरारिया ने कहा कि, ठंड के समय में हमले की घटनाएं, झगड़े गर्मियों की अपेक्षा कम होते हैं. ठंड और बारिश का मौसम लोगों में अकेलेपन को बढ़ाता है और लोग इसी मौसम में डिप्रेशन का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि, ज्यादा डिप्रेस लोग आत्महत्या करते हैं.
आत्महत्या की प्रवृत्ति गर्मियों में कम देखी जाती है, लेकिन जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ती है ये प्रवृत्ति भी बढ़ने लगती है. इसलिए डॉक्टर रत्नेश का मानना है कि, लोगों को इस मौसम में अगर किसी भी तरह के डिप्रेशन की संभावना लगती है, तो उन्हें अपने वातावरण को बदलकर मनोवैज्ञानिक डाक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. ये छोटी सी समस्या बड़ी बन सकती है और लोग अप्रत्याशित निर्णय ले लेते हैं.