जबलपुर।शहर के नयागांव में ठाकुरताल फॉरेस्ट हॉस्पिटल बनाने की योजना की जा रही है. फिलहाल वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने इसके लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अर्थारिटी (NTCA) के मानकों के आधार पर प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजा है. वहीं फॉरेस्ट हॉस्पिटल बनाने का मुख्य उद्देश्य जंगली जानवरों को नेचुरल OPD में इलाज उपलब्ध करवाना और उनकी निगरानी करना है.
जबलपुर और इसके आसपास बीते कुछ महीनों में तेंदुआ, बाघ, कैराकल समेत कई विलुप्त प्रजाति के वन्य जीव बड़ी संख्या में देखे गए हैं. जिसके बाद इनके संरक्षण और सुरक्षा को लेकर वन विभाग एवं जिला प्रशासन गंभीर हो गया है. पहले भी डुमना नेचर पार्क में टाइगर सफारी बनाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया था. लेकिन अब तक इस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हो पाया है. हाल ही में COD की बाउंड्री में लगी तार-फेंसिंग में शिकारियों के फंदे में फंसने से एक तेंदुए की भी मौत हो गई थी. जबलपुर में मौजूद बायोडायवर्सिटी के लिहाज से वन्य जीवों के लिए यहां बहुत संभावनाएं हैं और प्रशासन इन संभावनाओं के आधार पर ही वन्य जीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की कोशिश कर रहा है.
अगर नयागांव के ठाकुरताल में प्रस्तावित फॉरेस्ट हॉस्पिटल बनता है तो ये मध्यप्रदेश का पहला वाइल्ड लाइफ फॉरेस्ट हॉस्पिटल होगा. वहीं यहां की नेचुरल OPD में जानवरों का इलाज किया जाएगा. जो प्रस्ताव बनाया गया है. उसमें प्राकृतिक वातावरण में वन्य जीवों का इलाज किया जाएगा और इसके बाद उनके स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग करने की बात कही गई है. वन विभाग की मांग पर शहर के वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने इसकी डिजाइन तैयार की है. ये नेचुरल OPD का वातावरण जंगल में होने के कारण बिल्कुल प्राकृतिक रहेगा. जहां घायल जानवरों का इलाज करने के दौरान उन्हें भी अपने प्राकृतिक आवास में रहने की अनुभूति होगी.