जबलपुर। रक्षाबंधन भाई-बहन का त्योहार है, जिसका इंतजार बहन साल भर करती है, कि कब राखी का त्योहार आए और वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे. इस साल रक्षाबंधन के त्योहार को कोरोना वायरस ने फीका कर दिया है. जेल में बंद कैदियों से इस साल उनकी बहन नहीं मिल पाएंगी और ना ही राखी बांध सकती हैं. लगातार फैल रहे वायरस के चलते जेल प्रबंधन ने इस साल सजा काट रहे कैदियों को अपनी बहनों से मिलने की इजाजत नहीं दी है.
कैदियों से मिलने पर लगाई रोक यही वजह है कि घर में जहां बहनों के चेहरे मुरझाए हुए हैं, तो वहीं कैदी भी दुखी हैं. जबलपुर की माया बताती हैं कि उनका भाई जिला केंद्रीय जेल में बंद है, उसे साल में सिर्फ दो बार होली और राखी पर ही अपने भाई से मिलने का मौका मिलता है. इस बार कोरोना वायरस ने माया और उनके भाई के बीच दूरी बना दी है.
सुरक्षा के चलते रोक
प्रदेश में कोरोना मरीजों की तादात में बढ़ोतरी हो रही है. कुछ जिलों में तो कोरोना ने अपनी दस्तक भी दे दी है. ऐसे में कोविड-19 फैल ना जाए इसके लिए जेल प्रशासन ने कैदियों से मुलाकात पर रोक लगा दी है. मार्च के महीने से ही कैदी अपने परिजनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं और 31 अगस्त तक कोई भी कैदी परिजनों से नहीं मिल सकता है.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि जेल में जो भी कैदी सजा काट रहे हैं, वे सरकार की और कोर्ट की अभिरक्षा में हैं. जेल में कैदी सामूहिक रूप से रहते हैं, जिस वजह से कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा होता है. यही वजह है कि राखी सहित अन्य पर्वों में भी कैदियों को अपनी बहनों-परिजनों से मुलाकात पर रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध आगामी 31 अगस्त तक रहेगा.