जबलपुर। जबलपुर पुलिस कड़ी मशक्कत से आरोपियों को गिरफ्तार करती है लेकिन वो आसानी से अदालत से छूट जाते हैं. आरोपियों को छुड़ाने में सबसे अहम भूमिका जमानतदारों की होती है. पुलिस ने बताया कि सामान्य तौर पर आदतन अपराधियों को जमानत नहीं मिलती है. लोगों को पता है कि अपराधी जेल से छूटने के बाद दोबारा फिर अपराध करेंगे. ऐसे में जमानतदार फंस सकता है लिहाजा आदतन अपराधी फर्जी जमानतदार तैयार करवाते हैं और इनका एक गिरोह जबलपुर में काम कर रहा है.
जबलपुर पुलिस के लिए कौन हैं 'सिरदर्द' जो कोर्ट को करते हैं गुमराह
जबलपुर में फर्जी जमानतदारों का गिरोह सक्रिय है. जबलपुर पुलिस अधीक्षक का दावा है कि शातिर और आदतन अपराधियों को फर्जी जमानत के आधार पर छुड़वा रहा है.
जबलपुर पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने बताया कि कई आदतन अपराधी इस गिरोह की वजह से पुलिस के चंगुल से छूट गए हैं और दोबारा अपराध कर रहे हैं. पुलिस अदालत के जरिए पूरा डाटा खंगाल रही है और आदतन अपराधियों को जमानत देने वाले लोगों की कुंडली खंगाले जा रहे हैं.
पुलिस को अंदेशा है संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर फ्रॉड कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं और अपराधियों की मदद कर रहे हैं. जबलपुर पुलिस ने थाना स्तर पर यह खोजबीन शुरू कर दी है और जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे की उम्मीद है.