जबलपुर। मध्य प्रदेश में आने वाले कुछ महीनों में एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इस बीच कोरोना संकटकाल में चुनाव न करवाने की मांग करते हुए एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका पर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है.
स्थानीय निकाय चुनाव हो चुके हैं स्थगित
जबलपुर की सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने ही बीते दिनों स्थानीय निकाय के चुनाव को फिलहाल टालने के लिए एक याचिका दायर की थी. जिसमें संस्था ने हवाला दिया था कि मध्यप्रदेश में अभी कोरोनावायरस का संकट काल खत्म नहीं हुआ है और जब तक परिस्थितियां सामान्य ना हो तब तक चुनाव ना करवाए जाएं. हाईकोर्ट ने संस्था की अपील मानते हुए चुनावों को परिस्थितियों के सामान्य होने तक के लिए स्थगित कर दिया.
दमोह उपचुनाव के बाद बने हालातों का दिया हवाला
संस्था ने इसी चुनाव याचिका का हवाला देते हुए कहां है कि अभी मध्यप्रदेश में परिस्थितियां सामान्य नहीं है बीते दिनों दमोह में उपचुनाव हुआ था, जिसमें तकरीबन 1000 लोगों की जान कोरोनावायरस के फैलने की वजह से गई. राज्य सरकार ने विधानसभा में अपने जवाब में इस बात को स्वीकार किया कि चुनाव करवाने गए 21 कर्मचारियों की जान भी इसी चुनाव के दौरान गई है. संस्था का कहना है कि ऐसे हालात में चुनाव करवाना ठीक नहीं है और यदि ऐसे में चुनाव होते हैं तो सैकड़ों लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी.