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Published : Jan 18, 2022, 6:45 PM IST

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हाई कोर्ट की सुर्खियां! पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय हो, DAV की परीक्षा को हरी झंडी, कलेक्टर-CMHO तलब

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट और दोनों खंडपीठ में अलग-अलग मामलों की सुनवाई हुई, जबलपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय करने वाली याचिका दायर (Petition filed in High Court) की गई है, जबकि स्वदेशी आर्टिलरी गन धनुष में चाइनीज बैरिंग लगाकर घोटाला करने वाले संदिग्ध की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है.

jabalpur high court
जबलपुर हाई कोर्ट

जबलपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा निर्धारित किये जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर (Petition filed in High Court) की गई है, जिसमें मांग की गई है कि आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा निर्धारित की जाए, जैसे नगरीय निकाय चुनाव में निर्धारित की गई है. ताकि प्रत्याशी मतदाताओं को प्रलोभन न दे सकें. उक्त मामले में जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है. ये जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से अधिवक्ता अमित सेठ ने दायर की है.

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पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय हो

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में समूचे मप्र में पंचायतों के माध्यम से बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं, जिसके लिये पदाधिकारियों को राशि खर्च करने के आर्थिक अधिकार भी प्रदान किये गये हैं. पदाधिकारियों के पदों को लाभप्रद समझा जा रहा है न कि सामाजिक सेवा का. जिस कारण प्रत्याशी पंचायत चुनाव में अनाप-शनाप खर्च करते हैं. इतना ही नहीं भारी भरकम खर्च कर मतदाताओं को आर्थिक प्रलोभन देकर अपने पक्ष में मतदान के लिये लुभाया जा रहा है. सरपंच, जनपद व जिला पंचायत सदस्य व अध्यक्ष के चुनावी खर्च की सीमा तय हो. इसके पूर्व उनकी ओर से दायर जनहित याचिका पर नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशियों की खर्च सीमा चुनाव आयोग ने तय की है. इसी तरह पंचायत चुनाव में भी खर्च की सीमा निर्धारित हो. याचिका में मप्र शासन व चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया है.

बेयरिंग घोटाले के संदिग्ध की मौत का नहीं हुआ खुलासा

देश की पहली स्वेदशी आर्टिलरी गन धनुष में चाइनीज बैरिंग (Chinese barring scam in artillery gun Dhanush) लगाकर बडे घोटाले को अंजाम दिया गया था, जिसकी जांच में सीबीआई के निशाने पर रहे जूनियर वर्क मैनेजर शारदा चरण खटुआ की संदिग्ध मौत हो गयी थी. मृतक की पत्नी ने हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ को बताया कि हत्या के संबंध में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. पुलिस अधीक्षक के आग्रह पर पीठ ने जांच के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है.

चाइनीज बेयरिंग पर जापानी सील लगा कंपनी ने की थी सप्लाई

याचिकाकर्ता मौसमी खटुका की तरफ से साल 2019 में दायर याचिका में कहा गया था कि उसके पति एससी खटुका उम्र 45 गन कैरिज फैक्ट्री में जूनियर वर्क मैनेजर के पद पर पदस्थ थे. जीसीएफ को धनुष आर्टिलरी गन 155 एमएम के निर्माण का प्रोजेक्ट मिला था, गन में उपयोग होने वाला वायरलेस रोलिंग बैरिंग के ठेका दिल्ली की सिध्दी सेल्स को दिया गया था, कंपनी ने चाइना मेड बैरिंग पर मेड इन जर्मनी की सील लगाकर सप्लाई कर दिया था, दिल्ली सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी और पूछताछ के लिए 17 जनवरी 2019 को तलब किया था, उनके पति 17 जनवरी 2019 की सुबह घर से निकले थे, जो वापस नहीं लौटे. बीस दिन बाद उसके पति की क्षत विक्षत लाश शासकीय निवास से एक किलोमीटर दूर पंप हाउस के पास 5 फरवरी को मिली. फैक्ट्री क्षेत्र के मैन गेट पर लगे सीसीटीवी में उसके पति आते हुए दिखाई दे रहे थे, उसके पति की हत्या फैक्ट्री क्षेत्र में की गयी थी, याचिका में कहा गया था कि आठ माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, इसलिए प्रकरण की जांच सीबीआई के सुपुर्द किया जाये.

खटुका के हत्यारों तक जल्द पहुंचेगी पुलिस

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पुलिस विभाग की तरफ से न्यायालय को बताया गया था कि हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, इसके अलावा भोपाल स्थित मेडिको लीगल इस्टीटयूट व सागर स्थित एपफएसएल से जांच के लिए भेजे गये मृतक के कपड़ों, घटना स्थल पर मिले खून सहित अन्य नमूने की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. पीठ ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया था कि रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए संस्थाओं के डायरेक्टर से व्यक्तिगत रूप से मिलें. हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा वर्चुअली कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. उन्होने बताया कि एसआईटी संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कर रही है. एसआईटी को जांच के दौरान महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे हत्या के शीध्र सुलासे की संभावना है. एकलपीठ ने जांच के लिए समय प्रदान करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 7 मार्च को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता मुकेश कुमार मिश्रा ने पैरवी की.

कलेक्टर-CMHO, उपायुक्त हाई कोर्ट में हाजिर हों

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है. कोर्ट ने डेंगू एवं मलेरिया को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते आगे बढ़ा दिया है. कोर्ट ने वर्चुअल हीयरिंग के जरिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम, नगर निगम उपायुक्त अतेंद्र गुर्जर सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा और जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ से कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजामों और टीकाकरण को लेकर विस्तृत जानकारी तलब की है. सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने पूर्व में कोर्ट के आदेश के परिपालन में कंप्लायंस रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया कि जिले की सिविल डिस्पेंसरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में पलंग ऑक्सीजन दवा आदि की क्या व्यवस्था है.

हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा को मिली हरी झंडी

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, कोर्ट ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा यथावत समय पर कराने का आदेश जारी कर दिया है, इसको लेकर कई तरह के फरमान भी जारी किया है. परीक्षा को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी से लेकर प्रदेश सरकार भी लगातार सुर्खियों में बनी हुई थी और परीक्षा निरस्त करने के लिए विद्यार्थी संगठन प्रदर्शन भी कर रहे थे. कोर्ट के आदेश के बाद सब शांत हो हए हैं, कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. यदि कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है तो उसे परीक्षा से वंचित रखा जाएगा.

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