सीएम ने डॉ डावर को किया सम्मानित जबलपुर।धरती में डॉक्टर को भगवान कहा जाता है, 77 साल के धरती के भगवान डॉक्टर डावर का यही जज्बा सबको उनका कायल बना देता है. जिसे अब भारत सरकार ने भी पहचान कर उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की है. मध्यप्रदेश जबलपुर के डॉक्टर डाबर को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाइयां दी. गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर डॉ डाबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
डॉक्टर डावर ने 2 रुपए फीस से की थी शुरुआत: इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुरस्कार केवल चिन्हित और बड़े लोगों को ही मिलता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री देश में चुन-चुन कर ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर रहे हैं. जो समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं. डॉक्टर डाबर भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने महज 2 रुपए से इलाज करने की शुरुआत की थी. उनका जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित रहा है. इसलिए आज उन्हें पद्मश्री का सम्मान मिल रहा है. यह पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है.
20 रुपए में इलाज करने वाले संस्कारधानी के डॉक्टर को पद्मश्री, झाबुआ की यह दंपती भी होगी सम्मानित
सेना से रिटायर्ड डॉक्टर ने एमसी डावर: निस्वार्थ भाव से की गई जन सेवा का फल एक ना एक दिन जरूर मिलता है. महंगाई के दौर में जहां हर एक चीज के दाम आसमान छू रहे हैं, इस दौर में भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा में लगे हुए हैं. जबलपुर के एक डॉक्टर महज 20 रुपए की फीस में लोगों का इलाज कर रहे हैं. जिन्हें अब केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. डॉक्टर डावर जबलपुर की एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर को खींच दिया है, जिसे पार करना किसी और डॉक्टर के बस में नहीं होगा. डॉ एमसी डावर महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रुपए लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर एमसी डावर सेना से रिटायर्ड डॉक्टर हैं. जिन्होंने जबलपुर से ही एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी.
मरीजों का इलाज करते डॉ डावर इतनी मंहगाई में भी डॉ डावर लेते हैं सिर्फ 20 रुपए फीस:डॉक्टर डावर बताते हैं कि उन्होंने 1986 में 2 रु फीस लेना शुरू की थी. जिसे बाद में 3 रुपए और फिर 1997 में 5 रुपए, उसके 15 साल बाद 2012 में 10 रु और अब महज 20रुपए फीस ले रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी डॉक्टर साहब लोगों की सेवा करना नहीं भूले हैं. कभी क्लीनिक तो कभी घर पर ही मरीजों को देखने के लिए तैयार हो जाते हैं. यही जनसेवा के भाव ने आज डॉ डावर को पूरे देश में ख्याति प्राप्त करवाई है. पद्मश्री सम्मान के बारे में डॉक्टर डावर का कहना है कि इस तरह सम्मान मिलने से प्रोत्साहन मिलता है और जीवन में इस तरह के प्रोत्साहन नई ऊर्जा देते हैं. पद्मश्री सम्मान के लिए चुने गए ऐसे डॉक्टर की कहानी जो वाकई में धरती के भगवान कहलाने के लायक हैं.