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HC का फैसला: नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में हुए निर्माण कार्यों को हटाने के आदेश

नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में हुए निर्माण कार्य को चुनौती देने वाली याचिकाओं को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर 2008 के बाद नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में हुए निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं.

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Published : Jun 23, 2021, 9:04 PM IST

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जबलपुर हाई कोर्ट

जबलपुर।हाईकोर्ट ने नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में हुए निर्माणों पर सख्ती दिखाई है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने जबलपुर कलेक्टर, एसपी और नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया है कि 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में कट ऑफ डेट 1 अक्टूबर 2008 के बाद हुए निर्माण को हटाया जाए. याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.

दयोदय सेवा केंद्र ने लगाया आरोप

दयोदय सेवा केंद्र ने नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके अलावा पूर्व मंत्री और भाजपा नेता ने डिंडौरी में बिना अनुमति नर्मदा नदी के लगभग 50 मीटर के दायरे में बहुमंजिला मकान बनाए जाने को चुनौती दी थी. साथ ही दो अन्य याचिकाएं भी दायर की गई थी.

300 मीटर दायरे में हुए निर्माण को हटाने के आदेश

हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान नगर निगम ने सील कवर लिफाफे में रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि जबलपुर में 2008 के बाद नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में तिलवाराघाट, ग्वारीघाट, जिलहेरीधाट, रमनगरा, गोपालपुर, दलपतपुर, भेडाधाट में कुल 75 अतिक्रमण पाए गए हैं, जिसमें से 41 निजी भूमि, 31 शासकीय भूमि और 3 आबादी भूमि में पाए गए हैं. मामले में हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर 2008 के बाद नर्मदा नदी के 300 मीटर दायरे में हुए निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं. साथ ही युगलपीठ ने अवैध निर्माण को हटाने का वीडियो बनाने का आदेश जारी करते हुए अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है.

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कोरोना काल के कारण व्यक्तिगत सर्वे नहीं किया गया

याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने युगलपीठ को बताया कि कोरोना काल के कारण व्यक्तिगत सर्वे नहीं किया गया है. कोर्ट कमिश्नर ने नर्मदा नदी के किनारे हुए अतिक्रमण के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया है, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने आदेश जारी किया.

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