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हाईकोर्ट के तीन बड़े फैसले: नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट का पालन हो सुनिश्चित - Jabalpur High Court News

नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट का पालन सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इसकी सुनवाई पर हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने आदेश सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट

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Published : Nov 3, 2020, 11:35 PM IST

जबलपुर। नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट का पालन सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने आदेश सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए है.

बालाघाट निवासी पत्रकार आनंद ताम्रकार की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में पीडीएस के तहत अमानक स्तर के चावल सप्लाई का खुलासा केन्द्र सरकार की जांच रिपोर्ट से हुआ था.अमानक स्तर के खाद्य सामग्री के उपभोग से लोग कुपोषण का शिकार होंगे. इस याचिका में मांग की गई थी कि पीडीएस के तहत उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री का वितरण करने और नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट का पालन सुनिश्चति करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाए.

याचिका में यह भी मांग की गई है कि केन्द्रीय सरकार की जांच रिपोर्ट के अनुसार मिलर्स पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. और हाईकोर्ट पूरे रिकाॅर्ड को तलब करते हुए अपनी निगरानी में जांच करवाए. संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मिलर्स को रि-कैटाराईजैशन के लिए अमानक चावल नहीं दिया जाए. याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए है.

मोहन भागवत के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत खारिज

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चालक डॉ. मोहन भागवत के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया है. जस्टिस बीके श्रीवास्तव की एकलपीठ ने आरोपी की ओर से पेश की गई अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है. आरोपी कौशल सिंह ने RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की आपत्तिजनक फोटो और पोस्ट फेसबुक पर अपलोड की थी. इस पर स्वयं सेवकों की आपत्ति और शिकायत पर आरोपी के खिलाफ उमरिया पुलिस थाने में आईटी एक्ट क तहत प्रकरण दर्ज किया गया था, जिस पर आरोपी की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत अर्जी दायर की गई थी. इस मामले में आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता शांतनु अयाची और अधिवक्ता विपुल ने अपने अपने तर्क दिए, जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

ओवर ब्रिज की चौड़ाई को लेकर हाईकोर्ट का फैसला

जबलपुर में बने रहे ओवर ब्रिज की चौड़ाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, याचिका में कहा गया है कि ब्रिज की चौड़ाई कम नहीं करने से सैकड़ों लोग बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए है.

याचिका में मांग की गई थी कि ओवर ब्रिज के दोनों तरफ की चौड़ाई सात-सात फुट कम की जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मुम्बई, पूणे समेत कई महानगरों में कम चौड़ाई के बने ब्रिज का उपयोग हो रहा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वंय रखा था.

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