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OBC आरक्षण : SC में राज्य सरकार मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर का आवेदन करने की तैयारी में - मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता का बयान

सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा मध्यप्रदश में पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी के आरक्षण पर दिए फैसले को लेकर राज्य सरकार एक्टिव हो गई है. मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता ने कहा है कि सरकार मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर का आवेदन करने की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटीशन सरकार लगाएगी. (Supreme Court decision of OBC Reservation) (Panchayat elections without OBC reservation) (State Government Modification of Order)

मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर की तैयारी
मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर की तैयारी

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Published : May 10, 2022, 4:25 PM IST

जबलपुर।मंगलवार को ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार से कहा है कि 15 दिन के भीतर पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करें. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि इन चुनावों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण नहीं मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर अब मध्यप्रदेश सरकार मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर का आवेदन करने की तैयारी कर रही है.

हमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद :मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में हम संशोधन के लिए जल्द ही आवेदन देंगे. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के मुकाबले मध्यप्रदेश की परिस्थितियां अलग हैं . साथ ही उन्होंने कहा कि हमने ट्रिपल टेस्ट की मर्यादाओं का सभी तरह से पालन किया है. इसके अलावा मध्यप्रदेश में परिसीमन की कार्रवाई भी पूरी हो चुकी है. ऐसे में चुनाव आयोग दो हफ्ते में अधिसूचना के लिए निश्चित रूप से बाध्य है, लेकिन फिर भी जब हम मॉडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर के लिए आवेदन करेंगे तब हमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद होगी.

ये है पूरा मामला :गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में मप्र सरकार द्वारा पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाने पर कई लोगों ने याचिका दायर की थीं. हाल ही में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को फैसले की तारीख सुनिश्चित की थी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मप्र सरकार की रिपोर्ट को अधूरा मानते हुए अहम फैसला दिया है और कहा है कि सरकार 15 दिन के अंदर पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट कहा है कि इन चुनावों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण नहीं मिलेगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट मार्च 2021 में महाराष्ट्र के बांद्रा, गोंदिया और नागपुर जिला पंचायत के संबंध में आदेश जारी कर चुकी थी कि जो भी राज्य नए सिरे से ओबीसी आरक्षण देना चाहते हैं, उसे ट्रिपल टेक्स्ट पूरे करने होंगे. ट्रिपल टेक्स्ट के तहत पहली शर्त संवैधानिक आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने और दूसरी शर्त पिछड़ा वर्ग की जातिगत जनगणना कराने के साथ तीसरी शर्त आरक्षण किसी भी कीमत पर 50% से ज्यादा ना होने की थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले में जो रिपोर्ट पेश की वह सुप्रीम कोर्ट ने आधी अधूरी मानी है.

SC का बड़ा फैसला : MP में OBC आरक्षण के बगैर होंगे पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव, 15 दिन के अंदर अधिसूचना जारी करें

कांग्रेस हुई शिवराज सरकार पर हमलावर :राज्य सरकार की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने प्रदेश की 56 फ़ीसदी आबादी के साथ षड्यंत्र रचा है. पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है. कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले. इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थीं. कमलनाथ ने कहा कि हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था.

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