जबलपुर। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. यह बात जबलपुर शहर में चरितार्थ कर रहे हैं दो युवक. कबाड़ से मूर्ति बनाने में नरेंद्र का कोई जवाब नहीं है. कबाड़ से बनाई गई आदमकद प्रतिमा देख कर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं.
प्रतिमा में डाल देते हैं जान :जबलपुर में कबाड़ से मूर्तियां बनाने का हुनर नरेंद्र ने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ के विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त कर हासिल किया है, जो वाकई में काबिलेतारीफ है. नरेंद्र कबाड़ से ऐसी प्रतिमा बना लेते हैं, जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. यह प्रतिमा काफी बड़ी होती है. वह प्रतिमा में इतना जादू भर देते हैं कि लगता है कि वह अभी बोलने लगेगी. शहर में रोजाना सैकड़ों टन कबाड़ इकट्ठा होता है. जहां नरेंद्र अपनी कला, मेहनत और लगन से ऐसा जादू बिखेरते हैं कि लोग दूर -दूर से देखने आते हैं.