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एनजीटी ने पटाखों पर लगाई रोक, एयर क्वालिटी इंडेक्स जांच के दिए आदेश - NGT bans firecrackers

जबलपुर की सामाजिक संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां पटाखों पर लगाई रोक लगा दी है.

Ban firecrackers
पटाखों पर रोक

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Published : Nov 9, 2020, 5:31 PM IST

जबलपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पटाखों पर रोक लगा दी है. शहर की सामाजिक संस्था नागरिक मार्गदर्शक उपभोक्ता मंच ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका लगाई थी. जिसमें मांग की गई थी कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से लोगों के फेफड़े कमजोर हैं और बढ़ता हुआ प्रदूषण नई बीमारियों की वजह बन सकता है इसलिए पटाखों पर रोक लगा दी जाए. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया है कि दिल्ली एनसीआर में 9 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों पर पूरी तरह से बैन रहेगा. इसके अलावा देश के जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां पटाखों पर पांबदी रहेगी.

कलेक्टर और एसपी को जारी किया गया आदेश

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां किसी किस्म के पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे. न देसी, न ग्रीन पटाखे और ना ही चाइना के. पटाखे जहां प्रदूषण का स्तर कम है, वहां 8:00 से 10:00 तक ही सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं. एनजीटी ने ये आदेश देश के सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को जारी किया है.

संस्था ने तुरंत कार्रवाई करने का आवेदन किया

52 पेज के इस आदेश को कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जबलपुर की जिस संस्था ने यह याचिका लगाई थी उन्होंने राज्य सरकार को एक ईमेल के जरिए यह जानकारी दी है. इस पर तुरंत कार्रवाई करने का आवेदन किया है. क्योंकि जल्द ही दिवाली आने वाली है.याचिकाकर्ता की मांग है कि जबलपुर जैसे शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स ठीक नहीं है, इसलिए यहां भी पटाखों पर पूरी तरह से बैन होना चाहिए.

दीपावली के समय हो एयर क्वालिटी की जांच

एनजीटी ने अपने आदेश में स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को आदेश दिया है कि वो अभी एयर क्वालिटी इंडेक्स चेक करें और इसके बाद दीपावली की रात भी इसे टेस्ट किया जाए. ताकि प्रदूषण के स्तर को जांचा जा सके.

हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपना आदेश जारी कर दिया है, लेकिन इसके पहले भी ऐसे कई आदेशों को कई संगठन धर्म विरोधी मानते आए हैं और विरोध स्वरूप प्रतिक्रियाएं भी दीं हैं. इस मामले में भी देखना होगा कि अब ट्रिब्यूनल के आदेश को राज्य सरकार कितना लागू करवा पाती है.

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