जबलपुर।नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. गीता ने बताया कि मेडिकल चिकित्सालय की दीवारें भले ही आज निजी अस्पतालों जैसी नहीं हैं. यहाँ की जमीन भले ही थोड़ा खराब है पर यहां पदस्थ डॉक्टर किसी भी प्राइवेट अस्पताल में नहीं मिलेंगे. नवागत डीन ने लोगों से अपील की है कि वह निजी अस्पताल इलाज के जाने से पहले एक बार मेडिकल जरूर आएं. यहाँ इलाज में थोड़ा समय जरूर लग सकता है लेकिन इलाज सबसे बेहतर होता है.
80% जनता जाती है प्राइवेट अस्प्ताल :मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. गीता गूईन ने बताया कि आज भारत सरकार की 80% मेडिकल हेल्थ केयर निजी अस्पतालो के पास है पर उससे हमारा कोई मतलब नहीं है और न ही कोई शिकायत है.उन्होंने सभी गरीब तबके के मरीजों से आग्रह किया है किसी भी तरह से आशंकित न हों और मेडिकल कॉलेज में आकर बेहतर इलाज करवाएं. उन्होंने कहा कि कोई भी मरीज अपनी जमा पूंजी को न खर्चे और मेडिकल कॉलेज में आकर बेहतर इलाज करवाए. यहाँ इलाज में देरी है पर मरीज स्वास्थ्य होकर ही जाता है.