जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार घातक होता जा रहा है. इसमें लोगों की लापरवाही के साथ सिस्टम की लापरवाही भी सामने आ रही है. ऐसा ही एक मामला जबलपुर में सामने आया है. जहां एक युवती के कोरोना पॉजिटिव होने के 16 दिनों के बाद सरकारी अमला घर के बाहर क्वारंटाइन करने का पोस्टर लगाने पहुंचा. नगर निगम की टीम आने पर युवती को जानकारी मिली कि वो कोरोना संक्रमित थी. इस दौरान युवती दवाईयां लेकर पूरी तरह ठीक हो चुकी थी. गनीमत ये रही कि युवती ने टेस्ट करवाने के 14 दिन बाद तक खुद को आइसोलेशन में रखा था, लेकिन ऐसे भी मामले होंगे जहां लोगों ने बाहर घूमकर कितने ही लोगों को संक्रमित किया होगा.
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 16 दिनों बाद पर्चा लगाने पहुंची टीम 6 अप्रैल को टेस्ट करवाया लेकिन नहीं आई रिपोर्ट
जबलपुर की रहने वाली श्रद्धा यादव ने वुशु में देश ही नहीं विदेशों में भी नाम कमाया है. 6 अप्रैल को श्रद्धा को खुद में कोरोना के लक्षण दिखे. इसके बाद उन्होंने अस्पताल जाकर खुद का कोरोना टेस्ट करवा लिया. एक-दो दिन तक वो अस्पताल के चक्कर काटती रही लेकिन उनकी रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. बुखार तेज होने पर श्रद्धा ने खुद को पॉजिटिव मानकर आइसोलेट कर लिया. इसके बाद अपने डॉक्टर की दवाई लेकर श्रद्धा ठीक हो गई. अपना आइसोलेशन पूरा करने के बाद श्रद्धा सामान्य जिंदगी जीने लगी थी
26 अप्रैल को घर आकर पर्चा चिपका गई टीम
26 अप्रैल को नगर पालिका की टीम उनके घर आई. इस टीम ने श्रद्धा को बताया कि 10 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और उन्हें 22 अप्रैल से 4 मई तक आइसोलेशन में रहना होगा. श्रद्धा ने जब टीम से बात की और उन्हें बताया कि वो अपना आइसोलेशन पूरा करके ठीक हो चुकी है तो टीम ने उसकी एक नहीं सुनी और घर के बाहर जबरन पर्चा लगाकर चले गए. अब श्रद्धा के घर के बाहर लगा ये पर्चा सिस्टम की लापरवाही का नमूना पेश कर रहा है.