MPPSC 2019 के मैन एग्जाम रिजल्ट की नई नॉर्मलाइजेशन लिस्ट बनाने के आदेश पर रोक - कई अभ्यर्थी हुए थे अयोग्य घोषित
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर की एकलपीठ द्वारा एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर नयी नॉर्मलाइजेशन लिस्ट बनाने के निर्देश दिये गए थे. एकलपीठ ने अनारक्षित वर्ग के याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू में शामिल करने के आदेश भी जारी किये थे. अब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है.
जबलपुर।संशोधित नियम 2015 के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2019 की परीक्षा का आयोजन किया था. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने संशोधित नियम को अवैधानिक मनाते हुए पूर्व परीक्षा नियम अनुसार रिजल्ट जारी करने के आदेश जारी किये थे. पीएससी ने मुख्य परीक्षा रिजल्ट को निरस्त करते हुए नयी सूची जारी की थी. जिसमें 2721 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु पात्र घोषित किया. मुख्य परीक्षा में पूर्व में हुए चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
याचिका में ये हवाला दिया :याचिका में कहा गया था कि मुख्य परीक्षा में उनका चयन हो गया है. चयनित होने के बावजूद उन्हें पुनः मुख्य परीक्षा के लिए बाध्य नहीं किया जाए. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मुख्य परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों तथा विशेष अभ्यर्थियों की अलग-अलग सूची तैयार कर इंटरव्यू के लिए नॉर्मलाइजेशन लिस्ट जारी करने के आदेश दिये थे. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि आरक्षित वर्ग के 2721 अभ्यर्थियों का स्पेशल मेंस परीक्षा का आयोजित किया जाए. समस्त अभ्यर्थियों के मुख्य परीक्षा के अंकों का नॉर्मलाइजेशन करके साक्षात्कार की प्रक्रिया तीन महीने के अंदर पूरी की जाए. इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की गयी थी, जो लंबित है.
कई अभ्यर्थी हुए थे अयोग्य घोषित :आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष मुख्य परीक्षा आयोजित नॉर्मलाइजेशन जारी की गयी थी. जिसमें कई अभ्यर्थी साक्षात्कार हेतु अयोग्य घोषित किया गया था. दायर याचिकाओं में कहा गया था कि एमपीपीएससी ने उन अभ्यर्थियों को भी नॉर्मलाइजेशन सूची में शामिल कर लिया है, जिन्होंने मुख्य परीक्षा क्लीयर नहीं की थी. मुख्य परीक्षा में सिलेक्शन होने के बावजूद उसे इंटरव्यू से वंचित कर दिया. एकलपीठ ने अपने आदेश में चार बिंदुओं का निर्धारण करते हुए अपने आदेश में कहा था कि नियम 2015 के पूर्व के नियम पालन किया जाए.
एकलपीठ ने ये आदेश दिया था :कोर्ट ने ये भी कहा था कि पूर्व में पारित आदेशानुसार मुख्य परीक्षा के आधार पर नयी सिलेक्शन लिस्ट बनाई जाये. एकलपीठ ने एमपीपीएससी द्वारा इंटरव्यू के लिए बनाई लिस्ट को निरस्त करते हुए पुनः नॉर्मलाइजेशन लिस्ट बनाने तथा याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू में शामिल करने के आदेश जारी किये है. एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका के अंतिम आदेश के अनुसार आगामी कार्रवाई के आदेश जारी किये थे. जिसके खिलाफ एमपीपीएससी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. अपील की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर स्थगन आदेश जारी किए. एमपीपीएससी की तरफ से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह तथा इंटर विनर की ओर से रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह ने पक्ष रखा.