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BJP MLA व पूर्व मंत्री संजय पाठक के बेटे ने हाईवे पर तलवार से काटा केक - संजय पाठक के बेटे ने तलवार से काटा केक

विजय राघोगढ़ के भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री संजय पाठक के बेटे यश पाठक का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में विधायक पुत्र नेशनल हाईवे पर एसयूवी के ऊपर तलवार से केक काटते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान नेता पुत्र समर्थकों ने हाईवे पर जमकर जश्न मनाया.

Sanjay Pathak cut cake with sword on highway
पूर्व मंत्री संजय पाठक के बेटे ने हाईवे पर तलवार से काटा केक

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Published : Mar 4, 2023, 2:23 PM IST

पूर्व मंत्री संजय पाठक के बेटे ने हाईवे पर तलवार से काटा केक

जबलपुर।मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विजय राघवगढ़ सीट के विधायक संजय पाठक के बेटे यश पाठक का वीडियो चर्चा में है. वायरल वीडियो में वह जबलपुर नागपुर हाईवे पर सड़क पर अपना बर्थडे मनाते हुए दिख रहे हैं. उनके साथ में सैकड़ों समर्थक हाईवे पर हैं. इन लोगों ने लगभग हाईवे को जाम कर रखा है और यहां सड़क पर ही इन लोगों ने एक एसयूवी गाड़ी खड़ी की हुई है. जिसके ऊपर केक रखा हुआ है और जिसे विधायक पुत्र तलवार से काट रहे हैं. इस दौरान उनके समर्थक उनके जन्मदिन पर ढोल नगाड़े बजवा रहे हैं.

तलवार से केक काटने का चलन बढ़ा :तलवार से केक काटने का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है. खासतौर पर राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हुए लोग इसे स्टेटस सिंबल मानने लगे हैं. हालांकि तलवार डर का प्रतीक है और तलवार से केक काटना लगभग ऐसा आभास दिलाता है कि जैसे किसी की बलि दी जा रही हो. वहीं नेताओं का सार्वजनिक स्थानों पर बर्थडे मनाने का चलन भी बहुत तेजी से बढ़ा है. इसकी वजह से कई बार आम आदमियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जबलपुर के होर्डिंग व्यापार से जुड़े हुए लोग इन दिनों नेताओं के जन्मदिन से बहुत परेशान हैं और उन्होंने अपने होर्डिंग्स पर ऐसी सूचनाएं लगा कर रखी हैं यदि आप अपने नेता को बहुत अधिक पसंद करते हैं तो कब्जा किए हुए हैं तो उनके जन्मदिन की शुभकामनाओं के पोस्टर ना लगाएं.

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नेता पुत्रों के सामने प्रशासन भी बौना :बता दें कि ये किसी एक शहर की बात नहीं है जहां किसी नेता के जन्मदिन पर चौक चौराहे पोस्टरों से पट जाते हैं. कद्दावर और वजनदार नेताओं को सार्वजनिक स्थल पर ऐसे कार्यक्रम करने से ना प्रशासन रोक पाता है और ना ही समाज का कोई दूसरा वर्ग. हालांकि राजनीति के बदलते हुए दौर में आम आदमी ऐसे आयोजन पसंद नहीं करता और कई बार ऐसे आयोजनों का बड़ा राजनीतिक नुकसान नेताओं को उठाना पड़ता है. इसलिए बदलते दौर की राजनीति में नेताओं को भी अपना चाल और चरित्र बदलना चाहिए.

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